घरेलू सीमेंट उद्योग ने मार्च महीने में सीमेंट का रेकॉर्ड उत्पादन किया। सीमेंट उद्योग ने मार्च 2008 में 163.70 लाख टन सीमेंट का उत्पादन किया और यह आंकड़ा किसी एक महीने में अब तक का सबसे ज्यादा उत्पादन है।
यह विशेषज्ञों के अनुमानों के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मार्च महीने में करीब 155 लाख टन सीमेंट का उत्पादन होगा। सीमेंट के ऐतिहासिक उत्पादन के बारे में सीमेंट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि ऊंची मांग और 2007 में सीमेंट उद्योग में नई कपैसिटी के निर्माण के चलते ही उत्पादन का ये स्तर सामने आया है।
पिछले साल के मार्च महीने के उत्पादन के मुकाबले उत्पादन में कुल 9.21 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो सीमेंट उद्योग के वित्त वर्ष 2008 के सालाना बढ़ोतरी दर से भी ज्यादा है।
सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग असोसिएशन (सीएमए) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2008 में कुल उत्पादन 1682.9 लाख टन का रहा जो वित्त वर्ष 2007 के 1556.6 लाख टन से 8.11 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान सीमेंट का लदान 7.98 फीसदी बढ़कर 1676.7 लाख टन पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 1552.6 लाख टन था।
श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक और सीएमए के प्रेजिडेंट एच. एम. बांगड़ ने कहा – हर साल मार्च महीने में सीमेंट उत्पादन का पिछला रेकॉर्ड टूटता रहा है। सीमेंट उद्योग में लगी नई कपैसिटी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2009 में कुल 1800 लाख टन सीमेंट का उत्पादन होगा। इसका मतलब ये हुआ कि हर महीने औसतन 150 लाख टन सीमेंट का उत्पादन होगा।
सीमेंट उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीने में सीमेंट कंपनियां उत्पादन बढ़ाएंगी ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। जे. के. सीमेंट के चीफ फाइनेंशल अफसर ए. के. साराओगी ने कहा कि ऊंचे उत्पादन का स्तर बताने के लिए काफी है कि इसकी मांग बढ़ रही है और कंपनियां अपना उत्पादन बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले महीने में उत्पादन ठीक-ठाक रहेगा, लेकिन पूरे साल का बढ़ोतरी स्तर अच्छा रहने की उम्मीद है।
बांगड़ के मुताबिक, सीमेंट का उत्पादन मांग पूरी करने में समर्थ होगा क्योंकि इस उद्योग की कपैसिटी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2008-09 में सीमेंट उद्योग में 300 लाख टन की नई कपैसिटी स्थापित होगी। सीमेंट के बड़े कारोबारियों का कहना है कि अप्रैल से जून तक मार्च के मुकाबले उत्पादन 5-6 फीसदी कम रहने के असार हैं क्योंकि मानसून के आने के बाद सीमेंट कंपनियों में सालाना मेंटिनेंस का भी काम होना है।