देश में प्राथमिक एल्युमीनियम उत्पादों के सस्ते आयात को हतोत्साहित करने के लिए खान मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखित सिफारिश की है। खान मंत्रालय ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी किया जाना चाहिए। उद्योग के सूत्रों ने आज यह जानकारी दी है।
फिलहाल, सिल्लियों और गुटकों जैसे प्राथमिक एल्युमीनियम उत्पादों पर 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाता है।
इस मामले से करीब से जुड़े सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘बताया जाता है कि इस हफ्ते घरेलू एल्युमीनियम उद्योग की निजी कंपनियों ने खान मंत्रालय के माध्यम से वित्त मंत्रालय से संपर्क कर आयात शुल्क में इजाफा करने का अनुरोध किया था।’
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली वेदांत लिमिटेड घरेलू बाजार में निजी एल्युमीनियम उत्पादक हैं जबकि नैशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) सरकारी क्षेत्र की कंपनी है। उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में इन कंपनियों द्वारा कुल मिलाकर 42 लाख टन प्राथमिक एल्युमीनियम का उत्पादन किए जाने की उम्मीद है।
हालांकि, इस कदम से द्वितीयक एल्युमीनियम उद्योग पर बुरा असर पडऩे की आशंका है जो अपने उत्पाद तैयार करने के लिए घरेलू उत्पादकों पर निर्भर करते हैं।
