रबी सीजन (Rabi Season) की तीसरी प्रमुख फसल चने की बोआई भी अब रफ्तार पकड़ने लगी है। 2 दिसंबर को समाप्त सप्ताह तक चने की बोआई में करीब 5.30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले चने की बोआई में कमी दर्ज की जा रही थी। गेहूं और सरसों की बोआई में बढ़ोतरी की दर अब कमजोर पड़ने लगी है। कुल रबी फसलों की बोआई में अब तक 6.39 फीसदी इजाफा हो चुका है।
चने की बोआई करीब 5 फीसदी बढ़कर 79.82 लाख हेक्टेयर हुई
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2 दिसंबर तक 79.82 लाख हेक्टेयर में चने की बोआई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में 75.80 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से 5.30 फीसदी ज्यादा है। पिछले सप्ताह चने की बोआई में 0.03 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई थी। इससे पहले चने की बोआई पिछले साल की तुलना में कम हो रही थी।
गेहूं और सरसों की बोआई में बढोतरी की रफ्तार पड़ी धीमी
आज समाप्त सप्ताह तक चने की बोआई करीब 5 फीसदी बढ़ना दर्शाता है कि अब चने की बोआई भी रफ्तार पकड़ने लगी है। रबी की सबसे प्रमुख फसल गेहूं और दूसरी प्रमुख फसल सरसों की बोआई अब कमजोर पड़ने लगी है। पिछले सप्ताह तक गेहूं की बोआई में करीब 10.50 फीसदी और सरसों की बोआई में करीब 14.50 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन अब गेहूं की बोआई में बढ़ोतरी दर घटकर करीब 5 फीसदी और सरसों के मामले में यह दर घटकर करीब 10 फीसदी पर आ गई है।
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2 दिसंबर तक 211.62 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया जा चुका है, जो पिछली समान अवधि में 200.85 लाख हेक्टेयर में बोये गए गेहूं से 5.36 फीसदी ज्यादा है। सरसों की बोआई 76.69 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 69.32 लाख हेक्टेयर था। इस तरह पिछले साल से सरसों की बोआई 10.63 फीसदी ज्यादा हुई है।
चालू रबी सीजन में 2 दिसंबर तक 450.61 लाख हेक्टेयर में कुल रबी फसलों की बोआई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में 423.52 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से 6.39 फीसदी ज्यादा है। दलहन फसलों की बोआई 3.37 फीसदी बढ़कर 112.67 लाख हेक्टेयर में और तिलहन फसलों की बोआई 9.94 फीसदी बढ़कर 83.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।