कच्चे तेल व सोने की कीमत नई ऊंचाई को छूने को है। नई मजबूती के साथ एक बैरल कच्चे तेल की कीमत जहां
फेडरल रिजर्व ने बीते दिनों सोने की खरीदारी को मजबूती प्रदान करने के लिए बैंकों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। बाजार के मुताबिक इन दिनों निवेशक प्लैटिनम, चांदी, तांबा व गेहूं जैसे जिंस बाजार की शरण ले रहे हैं। ताकि वे किसी भी तरह अमेरिकी डॉलर के गिरते मूल्य को बचा सके।
हालांकि बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल किसी भी बाजार की स्थिति सामान्य नहीं है और सभी जगहों पर भारी हलचल है। हांगकांग स्थित फोर्टिस बैंक के एशिया पैसिफिक के लिए मूल्यवान धातु के मुख्य कारोबारी वैलेश एनजी ने बताया कि फिलहाल सोने में आई तेजी के रूकने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
फेडेरल रिजर्व ने बैंकों को कर्ज देने की ब्याज दरों में कमी की है। हालांकि इस ब्याज दरों में कटौती के पीछे फेडरल का मुख्य उद्देश्य बियर स्टर्न कंपनी को घाटे से उबारना है।शेनझेन रोंगटू ट्रेडिंग कंपनी के विशेषज्ञ ने डॉलर के गिरते मूल्य पर अफसोस जताते हुए कहा कि इसमें लगातार गिरावट आना अच्छी खबर नहीं है। क्योंकि डॉलर में लगातार गिरावट आने से जिंस के बाजार में काफी अधिक मात्रा में निवेश किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के इस रुख के कारण जापान के निक्केई और हांगकांग के हैंगसेंग सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई है। निक्की में जहां
225 प्वाइंट की गिरावट आई वही हैंगसेंग में सूचकांक में 3 फीसदी की कमी दर्ज की गई। यूरो स्विस फ्रैंक व येन के मुकाबले डॉलर में लगातार गिरावट हो रही है। येन के मुकाबले आई कमी में तो 12 साल का पुराना रिकार्ड टूट गया। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक जिंस बाजार में निवेश कोई अच्छे संकेत नहीं है क्योंकि यहां हमेशा ही ज्यादा जोखिम है और कभी भी यह बाजार टूट सकता है।
टोक्यो स्थित एक बैंक के सहायक महाप्रबंधक एंथोनी न्यून बाजार के जोखिम प्रबंध के बारे में कहते हैं कि अब इससे मतलब नहीं है कि कच्चे तेल की कीमत किस ऊंचाई तक जाती है बल्कि यह देखना है कि डॉलर का मूल्य किस हद तक नीचे जाता है। हर आदमी इसलिए उछल रहा है कि क्योंकि उसकी संपत्ति के मूल्यों में गिरावट आ रही है। सिंगापुर में दोपहर डेढ़ बजे तक सर्राफा बाजार में 2.9 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी।
और सोने की कीमत प्रति दस ग्राम
1,026.45 डालर पर पहुंच गई थी। दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत भी गत गुरुवार को कायम किए गए 111 डॉलर प्रति बैरल के रिकार्ड को तोड़ते हुए 111.42 डॉलर प्रतिबैरल के स्तर पर पहुंच गई।
अमेरिका से मिली खबरों के मुताबिक निवेशकों को उम्मीद है कि मंगलवार को फेडरल अपने ब्याज की दरों में और कटौती कर सकता है। न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अप्रैल के लिए होने वाली खरीदारी के दौरान कुछ ही घंटों के बाद तेल की कीमत में 3 फीसदी की बढ़त दर्ज कर ली गई। न्यूयॉर्क के तेल बाजार में इस साल 15 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई है। गत पांच सप्ताह से इस मामले में सट्टेबाज भी अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं।
भारत में होली के दौरान सोने के दाम बढ़ने से भी खरीदारी कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पीपी ज्वैलर्स के निदेशक राहुल गुप्ता कहते हैं
, ‘होली के मौसम में सोने की कीमत में इस प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। मूल्य चढ़ने से सोने की खरीदारी में गिरावट आई है। इस साल सोने के अंतरराष्ट्रीय बाजार में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है।‘ भारत में 21 मार्च को होली है। सोने को शुभ मानने के नाते कई परिवारों को में एक–दूसरे को सोने का उपहार दिया जाता है। भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और यहां हर साल 700 से 800 टन सोने का आयात किया जाता है।
भारत में सर्राफा बाजार के विशेषज्ञ कहते हैं
, ‘सोने की खपत में स्थिरता बने रहने की उम्मीद है।‘ उनका मानना है कि इस दौरान दस ग्राम सोने की कीमत 12,500 से 13,500 रुपये रहेगी। बाजार के जानकारों के मुताबिक अगर सोने के दाम इसी स्तर पर कुछ दिनों तक बने रहे तो सोने की मांग फिर से निकल पड़ेगी। उनका कहना है कि भारतीय निवेशक इस आशंका से सोने को बेच रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस स्तर पर सोना बहुत दिनों तक कायम नहीं रह सकता है।