देश के गेहूं उत्पादन में 70 प्रतिशत की भागीदारी वाले राज्य पंजाब और हरियाणा ने आगामी रबी फसल के दौरान 248.5 लाख टन गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य रखा है यद्यपि फसल के रकबे में कमी आने के आसार हैं।
पंजाब कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम 34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती करने का लक्ष्य कर रहे हैं ताकि आने वाले रबी सीजन के दौरान 145 लाख टन के उत्पादन-लक्ष्य को पूरा किया जा सके।’
पिछले साल पंजाब में गेहूं की खेती का रकबा 34.88 लाख हेक्टेयर था। अनुकूल मौसमी परिस्थितियों और अधिक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के कारण खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई थी और 157.2 लाख टन रेकॉर्ड गेहूं का उत्पादन हुआ था।
हरियाणा कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक बी एस दुग्गल ने बताया कि हरियाणा ने भी तय किया है कि वह 24.50 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती करेगा और आने वाले सीजन में 103.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। पिछले साल हरियाणा में 24.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती की गई थी और कुल उत्पादन 102 लाख टन था।
दोनों राज्यों में गेहूं की बुआई 25 अक्टूबर से 15 नवंबर तक चलेगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों राज्यों में गेहूं के रकबे में कमी की बात की है लेकिन गेहूं विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं के रकबे में इस साल बढोतरी होगी।
एक गेहूं विशेषज्ञ ने कहा, ‘दोनों राज्यों द्वारा गेहूं की खेती के रकबे में कमी के अनुमानों के बावजूद किसान अधिक से अधिक क्षेत्र में गेहूं की खेती करना चाहेंगे क्योंकि इससे उन्हें सुनिश्चित प्रतिफल प्राप्त होगा।’
विशेषज्ञों ने बताया कि पंजाब में गेहूं की खेती का रकबा 35 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है जबकि लक्ष्य 34 लाख हेक्टेयर का है और इसी प्रकार हरियाणा में 24.5 लाख हेक्टेयर की जगह 25 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में किसान गन्ना और अन्य फसलों के क्षेत्र में गेहूं की खेती का रुख करेंगे।’ उनका यह भी कहना था कि अगर सीजन के दौरान मौसम अनुकूल रहता है तो गेहूं का उत्पादन लक्ष्य से कहीं अधिक भी हो सकता है।
गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को हाइब्रिड किस्म के बीज सब्सिडाइज्ड दरों पर उपलब्ध कराने पर बल दिया जा रहा है। हरियाणा ने तो निर्णय लिया है कि ऐसे समय में हाइब्रिड बीजों पर 200 रुपये प्रति क्विंटल की जगह 500 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जाए। पंजाब को अनुमान है कि प्रति हेक्टेयर 42 क्विंटल गेहूं की पैदावार होगी।