जापान और यूरोपीय यूनियन जैसे देश, भारत से आयातित झींगे की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं।
मैरिन प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (एमपीईडीए) और एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल ऑफ इंडिया (ईआईसी) ने सीफूड्स गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए ज्यादा सक्रिय हो गई है।
जापान ने हाल ही में गुणवत्ता की जांच की रफ्तार को तेज किया है। इन देशों में भारत से भेजे गए माल की सघन जांच की जाएगी। इस जांच की वजह यह है कि जापान की फूड ऐंड सेफ्टी अथॉरिटी (जेएफएसए) ने भारत से आयातित झींगा में पेंडीमेथालिन पाया है।
जापान समुद्री उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। ऐसे में जापान इन उत्पादों की आलोचना करता है तो भारत के समुद्री उत्पादों के निर्यात उद्योग को कड़ा झटका लग सकता है।
एमपीईडीए ने अपनी योजना के तहत पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में नौ इएलआईएसए स्क्रीनिंग लैबोरेटरी स्थापित करेगी। तीन लैबोरेटरी कोंटाई (पश्चिम बंगाल), बालासोर (उड़ीसा), नागापट्टनम (तमिलनाडु) में बहुत जल्दी स्थापित की जाएगी।
