इस साल देश भर में आम की पैदावार में 12 फीसदी इजाफे की उम्मीद की जा रही है।
पिछले साल के 125 लाख टन के मुकाबले इस मौसम में आम की पैदावर बढ़ोतरी के साथ 140 लाख टन होने की उम्मीद है।माना जा रहा है कि अधिक उत्पादन के कारण इस मौसम में आम की कीमतों में भी कमी आएगी।
देश में आम उत्पादन एसोसिएशन के प्रमुख एस. इंसराम अली के मुताबिक इस साल आम के मंजर की अधिकता को देखते हुए अधिक पैदावार की आशा की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के सभी आम उत्पादक राज्यों में आम की अच्छी फसल की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आम की कीमत नरम रहेगी।
आम फलों के राजा के रूप में जाना जाता है। आम के मामले में दिल्ली देश की सबसे बड़ी मंडी है। स्थानीय दिल्ली फल बाजार में आंध्र प्रदेश का सफेदा आम व तोतापुरी की आवक चालू हो गई है। फिलहाल आम की कीमत 40-50 रुपये प्रतिकिलो के स्तर पर है। हालांकि एक अन्य कारोबारी का कहना है कि आंध्र प्रदेश के आमों की आवक में तेजी के एक सप्ताह के बाद ही इसकी कीमत के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है।
आंध्र प्रदेश में इस साल आम की अधिक पैदावार का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि राज्य में वर्षा व तूफान से इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। आम उत्पादक एसोसिएशन के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल आंध्र प्रदेश में करीब 4 लाख टन अधिक आम की पैदावार की संभावना है। उत्तर प्रदेश में इस साल ठंड के कारण फसल में खराबी के बावजूद 30 लाख टन आम की पैदावार होने की उम्मीद है।
पिछले मौसम में 26.7 लाख टन आम की पैदावार हुई थी। इस मौसम में बिहार में भी आम की पैदावार में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी की उम्मीद है। पिछले मौसम के दौरान बिहार में आम का उत्पादन 12.2 लाख टन के करीब था जिसे इस साल बढ़कर 15 लाख टन होने की उम्मीद है। इसी तरह गुजरात में आम की पैदावार पिछले साल के 7.5 लाख टन के मुकाबले इस साल 8.6 लाख टन होने की उम्मीद है। तो महाराष्ट्र में इस साल यह उत्पादन 7.5 लाख टन रहने की संभावना है।
तमिलनाडु में 6.8 लाख टन पैदावार होने की संभावना है। पिछले साल यह उत्पादन 5.35 लाख टन के स्तर पर था। पश्चिम बंगाल में आम का उत्पादन 6 लाख टन होने की उम्मीद जताई जा रही है।