लागत खर्चों में हो रही लगातार बढ़ोतरी से सीमेंट कंपनियों के लाभों में कमी आ रही है। इससे सीमेंट बनाने वाली घरेलू कंपनियां इस वर्ष जून के बाद अपनी मूल्य-नीतियों पर विचार कर सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, ईंधन की कीमतों के बढ़ने से सीमेंट की कीमतों में अचानक वृध्दि होनी संभव है। यद्यपि अभी तक इस बाबत सीमेंट उद्योग की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जिन कंपनियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत की उन्होंने भी कीमतों के बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया । उनका कहना था, ‘परिस्थितियां अनिश्चित हैं और कुछ भी हो सकता है।’
एक महीने पहले, सीमेंट के मूल्य निर्धारण पर कंपनियों का मिला जुला रूख रहा। कई सीमेंट कंपनियों ने मूल्य के वर्तमान स्तर को बरकरार रखने पर विचार कर रहे थे तो कुछ 50 किलोग्राम के सीमेंट बैंग पर 2-7 रुपये की कटौती करने पर सहमत थे। इसके अलावा उद्योग की मांगों, जिनमें उत्पाद शुल्कों में कमी और कोयले के आयात शुल्क को हटाया जाना शामिल है, पर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और यह कंपनियों के लिए चिंता का विषय है।
सीमेंट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी एसीसी के प्रबंध निदेशक सुमित बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि 2-3 महीने बाद कंपनियां परिस्थितियों पर विचार करेगी फिर सीमेंट की कीमतों के संदर्भ में निर्णय लेगी। एसीसी ने मई महीने में यह निर्णय लिया था कि 2-3 महीनों तक सीमेंट का वर्तमान मूल्य बरकरार रखेगी, हालांकि कंपनी ने यह भी कहा था कि मूल्य स्थिर रखने से मार्जिन में कमी आएगी।
लगभग इसी समयावधि में उत्तरी क्षेत की प्रमुख सीमेंट कंपनी श्री सीमेंट ने देश के केद्रीय हिस्सों और गुजरात में प्रति बोरी सीमेंट की कीमतों में 2-7 रुपये की कमी की थी। डालमिया सीमेंट के प्रबंध निदेशक ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘लागत मूल्य में वृध्दि की परिस्थितियों में उद्योग इसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में सक्षम नहीं रहा है। जून के बाद हम सीमेंट की मूल्य नीति पर विचार करेंगे।’
पिछले वर्ष प्रति बैग सीमेंट की औसत कीमत बढ़ कर 14 रुपये हो गई थी लेकिन कीमतों में हुई वास्तविक वृध्दि 5-8 रुपये प्रति बैग के दायरे में रही है। देश में परिचालन करने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के सूत्रों ने कहा, ‘कोयले और अन्य कच्चे मालों की वृध्दि से सीमेंट कंपनियों पर दबाव बना हुआ है। अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई वृध्दि से हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि इसका बाहरी प्रभाव तो होगा ही साथ ही उद्योग पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।’
औद्योगिक विश्लेषकों के अनुसार मूल्य वृध्दि के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। हालांकि उनका कहना था कि सरकार के दबावों को देखते हुए सीमेंट कंपनियों के लिए मूल्य वृध्दि करना कठिन लगता है। वर्तमान में देश में सीमेंट की औसत कीमत 220-230 रुपये प्रति बैग है। मुंबई में प्रति बैग सीमेंट की कीमत 255 रुपये, दिल्ली में 235 रुपये, चेन्नई में 255 रुपये और हैदराबाद में 216 रुपये है।
सीमेंट कंपनियों ने किया किनारा
85,000 करोड़ रुपये का घरेलू सीमेंट उद्योग जो वर्तमान पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2011) के बीच अतिरिक्त 1,180 लाख टन की क्षमता जांड़ने के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही है। लेकिन यह उद्योग चीनी उपकरणों की बदौलत सीमेंअ इकाइयां स्थापित करने में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं।
यूरोप के सीमेंट उपकरण बनाने वाली कंपनियों की तुलना में चीनी उपकरणों के अपेक्षाकृत सस्ते होने के बावजूद घरेलू कंपनियां इन्हें खरीदने से कतरा रही हैं। डालमिया सीमेंट के प्रबंध निदेशक पुनीत डालमिया कहते हैं, ‘अभी चीन से मशीन लाने की हमारी कोई योजना नहीं है क्योंकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इनकी बदौलत सीमेंट प्लांट की उम्र क्या होगी।’