एमसीएक्स में जब शुक्रवार को क्रूड पाम ऑयल का वायदा कारोबार शुरू हुआ तो करीब एक महीने से सोया तेल के वायदा कारोबार से दूर रहे कारोबारी इस पर टूट पड़े।
शुरुआती दौर में ही इस पर सर्किट लग गया। जब सर्किट लगा तो उस समय इसकी कीमत प्रति 10 किलो 535 रुपये पर थी। सोया तेल के वायदा पर लगी पाबंदी के चलते ही शुरुआती दिन में कुल 11290 मीट्रिक टन क्रूड पाम तेल का कारोबार हुआ।
अगर रकम के तौर पर इसकी गणना की जाए तो यह करीब 59.77 करोड़ रुपये बैठता है। कारोबार पर प्रतिक्रिया देते हुए कमोडिटी विशेषज्ञ सुशील पाहवा ने बताया कि जून महीने तक क्रूड पाम वायदा का कारोबार एक सीमित दायरे में रहेगा। उन्होंने कहा कि 520 रुपये पर इसे समर्थन मिलेगा और ऊपर में यह 540 को पार नहीं कर पाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सोया तेल में वायदा कारोबार करने वालों के चलते अभी इसका कारोबार बढ़ेगा।
शुक्रवार को क्रूड पाम का जुलाई वायदा 526.30 रुपये पर खुला और 534.80 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचकर कुछ नीचे आया और अंत में 9.80 रुपये की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसी तरह अगस्त वायदा 8.20 रुपये के फायदे केसाथ बंद हुआ जबकि सितंबर वायदा में 6.60 रुपये की बढ़त रही। शुक्रवार से शुरू हुए अनुबंध के तहत कम से कम 10 मीट्रिक टन का कारोबार किया जा सकता है और डिलिवरी का लॉट साइज भी 10 मीट्रिक टन ही रखा गया है।
साल 2007-08 में विश्व में करीब 411.22 लाख टन पाम तेल के उत्पादन का अनुमान है और मलयेशिया व इंडोनेशिया इसके सबसे बड़े उत्पादक हैं। कुल खाद्य तेल के खपत में सोया तेल और पाम तेल की हिस्सेदारी क्रमश: 36 व 23 फीसदी की है और यह मुख्य खाद्य तेल के रूप में उभरा है।
पाम तेल की खपत के मामले में भारत का स्थान विश्व में तीसरा है। 7 मई को सरकार ने चना, सोया तेल, आलू और रबर के वायदा कारोबार पर चार महीने के लिए पाबंदी लगा दी थी। इस तरह 6 सितंबर तक इसके कारोबार पर पाबंदी लगी रहेगी। वैसे तुअर, गेहूं, चावल और उड़द के वायदा कारोबार पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई है।