बंबई उच्च न्यायालय ने जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) और नेशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के बीच एक्सचेंज द्वारा ट्रांजैक्शन दरें घटाने के विवाद पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है।
जुलाई से आय में भारी गिरावट को देखते हुए पिछले महीने एनसीडीईएक्स ने 5 बजे शाम से पहले और पांच बजे शाम के बाद के लिए, एक्सचेंज दरों की दो श्रेणी बनाई थी।
सुबह 10 बजे से लेकर 5 बजे शाम तक के सभी कारोबार के कुल मूल्य के लिए तीन रुपये प्रति लाख और और 5 बजे शाम से 11 बजे रात तक के दूसरे सत्र के लिए पांच पैसे के ट्रांजैक्शन दरों की घोषणा की थी। धातुओं के कारोबार को आकर्षक बनाने के प्रयास में दूसरी श्रेणी के दरों में भारी कटौती की गई थी।
लेकिन, वायदा बाजार आयोग ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि इस कदम से अन्य दो कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। पिछले महीने वायदा बाजार आयोग ने एनसीडीईएक्स को आदेश दिया था कि नई संरचना (ट्रांजैक्शन दरों की) पर विराम लगाए।
मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार और न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ की खंडपीठ के समक्ष एनसीडीईएक्स मामले को रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल छागला ने कहा कि एनसीडीईएक्स के उप-नियम दरों में बदलाव की अनुमति देते हैं। उनका कहना था, ‘अगर इससे थोड़ी प्रतिस्पर्धा थोड़ी बढ़ती है तो क्या गलत है?’
