भारत सरकार का लक्ष्य 2025-26 से 20 फीसदी एथनॉल (ई20) मिश्रित पेट्रोल बेचने का है। मामले के जानकार अधिकारियों के अनुसार देश में बिकने वाले सभी वाहनों को 2025 से ई20 अनुपालन वाला बनाने की जरूरत होगी। इस कदम से वाहन विनिर्माताओं को अपने मौजूदा पेट्रोल इंजन वाले वाहनों को मिश्रित ईंधन के अनुरूप बदलना होगा। मंत्रिमंडल द्वारा एथनॉल खरीद मूल्य बढ़ाने के एक दिन बाद पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा, ‘2025 से देश में केवल ई20 पेट्रोल बेचने का लक्ष्य है। ई20 मिश्रित पेट्रोल 2023 से उपलब्ध हो जाएगा। हालांकि इस दौरान अलग-अलग पेट्रोल पंपों पर ई10 और ई20 दोनों तरह के मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध होंगे।’
उन्होंने कहा कि किसी एक पेट्रोल पंप पर ई20 का अलग से पंप नहीं होगा। मौजूदा पंप पर केवल ई20 एथनॉल मिश्रित पेट्रोल ही बिकेगा।
वाहन विनिर्माताओं ने कहा कि वह ई20 अनुपालन के लिए तैयार हैं मगर उनकी कुछ चिंताएं भी हैं। मारुति सुजूकी के वाहन पहले से ही ई10 अनुपालन वाले हैं और कंपनी 2023 से ई20 अनुकूल कारों का विनिर्माण शुरू करेगी।
मारुति सुजूकी इंडिया के मुख्य तकनीकी अधिकारी सीवी रमण ने कहा, ‘जहां तक सरकार की बात है तो वह ई10 और ई20 अनुपालन को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। इसलिए हम इसका अनुपालन करेंगे… एथनॉल बड़ी तकनीक बनने जा रही है जिसका हम अपने उत्पादों में उपयोग करेंगे।’ एक विदेशी कार कंपनी के कार्याधिकारी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे ग्राहकों की स्वीकार्यता को लेकर समस्या हो सकती है क्योंकि एथनॉल ईंधन वाले वाहन में ईंधन की खपत ज्यादा होगी और ई20 के लिए जिन वाहनों को विकसित नहीं किया गया है उसकी रखरखाव लागत भी बढ़ जाएगा।
पेट्रोलियम सचिव के अनुसार सरकार की मंशा ई100 या विशुद्घ एथनॉल वाले वाहन ईंधन की बिक्री भी बढ़ाने की है। उन्होंने कहा, ‘ई100 ईंधन के लिए पेट्रोल पंपों पर अलग से पंप लगाना होगा क्योंकि मौजूदा वाहन इससे नहीं चल सकते हैं। ई100 का पुणे में अभी परीक्षण चल रहा है।’
वाहन विनिर्माता का कहना है कि मौजूदा वाहनों में ई20 पेट्रोल का इस्तेमाल करने से नुकसान हो सकता है लेकिन अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है। ई20 के अनुकूल वाहन नहीं रहने से ईंधन खपत पर असर पड़ सकता है लेकिन अभी इस पर अध्ययन चल रहा है कि मिश्रित पेट्रोल से वाहन पर कोई अन्य प्रतिकूल असर तो नहीं पड़ेगा।
केवल ई20 ईंधन अनुकूल वाहनों की बिक्री का निर्णय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि 2025 से देश भर में केवल ई20 पेट्रोल ही उपलब्ध हो। यह कुछ इस तरह होगा जैसा कि भारत-6 ईंधन को लेकर तेल शोधकों ने अपनाया था, जिसकी वजह से वाहन कंपनियों को सख्त उत्सर्जन मानक के अनुरूप वाहन बनाने पड़े।तेल विपणन कंपनियों का लक्ष्य 2021-20 के अंत तक 10 फीसदी एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और 2025-26 से 20 फीसदी एथनॉल वाला पेट्रोल की आपूर्ति करने का है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) को भारत में 2020-25 में एथनॉल मिश्रण रोडमैप पर रिपोर्ट जारी किया था। सरकार एथनॉल की आपूर्ति बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक तेल कंपनियों ने 2020-21 में 350 करोड़ लीटर एथनॉल का अनुबंध किया है, जो 2013-14 की तुलना में 38 करोड़ लीटर अधिक है। ई20 पेट्रोल के लिए 1,000 करोड़ लीटर एथनॉल खरीदने की जरूरत होगी। बजाज ऑटो, टीवीएस तथा टोयोटा ने मिश्रित ईंधन वाले इंजन के साथ वाहन लाने पर सहमति जताई है। टीवीएस मोटर और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा पुणे में इसका परीक्षण भी शुरू कर दिया है।