प्याज की नई आवक बढऩे से इसके दाम तेजी से लुढ़कने लगे हैं। इस माह मंडियों में अब तक प्याज के दाम घटकर आधे तक रह गए हैं। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज के थोक भाव और तेजी से गिर सकते हैं। मंडियों में थोक भाव घटने से प्याज की खुदरा कीमतों में भी गिरावट आई है।
इस माह मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की प्रमुख मंडी लासलगांव में प्याज के थोक भाव 1,000-2,850 रुपये से घटकर 9,00-1,450 रुपये, दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 2,100-3,000 रुपये से घटकर 750 से 2,000 रुपये, गुजरात की भावनगर मंडी में भाव 1,750-2,900 रुपये से घटकर 8,00-1,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। थोक भाव घटने से खुदरा बाजार में भी प्याज के दाम नरम पड़े हैं।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकडों के अनुसार इस माह दिल्ली में प्याज के खुदरा भाव 50 रुपये से घटकर 30 रुपये, मुंबई में भाव 47 रुपये से घटकर 32 रुपये, भोपाल में भाव 37 रुपये से घटकर 23 रुपये और लखनऊ में भाव 50 रुपये से घटकर 32 रुपये प्रति किलो रह गए हैं।
लासलगांव मंडी में फरवरी में 1.35 लाख क्विंटल प्याज की आवक हुई थी, मार्च में 15 दिन में ही 1 लाख टन प्याज की आवक हो चुकी है। इंदौर मंडी में फरवरी में हुई कुल 71,505 ििक्वंटल आवक से ज्यादा आवक तो इस माह के 15 दिन में ही हो चुुकी है।
पोटेटो ओनियन मर्चेंट एसोसिएशन यानी पोमा आजादपुर के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इस समय आजादपुर मंडी में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश व राजस्थान से नई प्याज की आवक हो रही है। इन दिनो आवक मांग से काफी ज्यादा हो रही है। इसी वजह से प्याज के दाम तेजी से घट रहे हैं।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि रबी सीजन वाले प्याज की आवक मंडियों में जोर पकडने लगी है। जिससे इस माह प्याज के दाम घटकर आधे रह गए हैं। प्याज के कुल उत्पादन में इस सीजन का हिस्सा 60 फीसदी से अधिक है।
कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में प्याज के दाम और गिर सकते हैं। शर्मा ने कहा कि अगले 15-20 दिनों में प्याज के दाम मौजूदा स्तर से घटकर आधे रह जाएंगे। गाढवे के मुताबिक अगले महीने तक थोक में प्याज के भाव गिरकर 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक आ सकते हैं। क्योंकि आगे नये प्याज की आवक और जोर पकड़ सकती है।
