आवक बढने के साथ ही मंडियों में प्याज के दाम लुढकने लगे हैं। बीते एक सप्ताह के दौरान मंडियों में प्याज के थोक भाव 15 से 25 फीसदी घट चुके हैं। अगले माह प्याज की कीमतों में और गिरावट आ सकती है, क्योंकि इस माह के आखिर से रबी सीजन वाले प्याज की नई आवक शुरू हो जाएगी। रबी सीजन का प्याज के कुल उत्पादन में 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा होता है।
सप्ताह भर में मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज के थोक भाव 1,100—4,200 रुपये से घटकर 900—2,900 रुपये, दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 2,700—3,500 रुपये से घटकर 2,000—3,000 रुपये और गुजरात की महुआ मंडी में भाव 1,800—3,800 रुपये से घटकर 1,000—2,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। थोक भाव घटने से खुदरा कीमतों में भी पांच से 10 रूपये प्रति किलो की गिरावट आई है।
आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र से भी बाद वाले खरीफ सीजन के प्याज की नई आवक बढ रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी प्याज की आवक हो रही है। आवक बढने से प्याज के दाम भी गिरने लगे हैं। सप्ताह भर में प्याज के दाम 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल घट चुके हैं। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि प्याज की आवक बढने के कारण कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि प्रतिकूल मौसम से इस बार बाद वाले खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन घटा है जिससे इसके दाम पिछले साल से ज्यादा हैं। अभी इसी सीजन सीजन वाले प्याज की आवक हो रही है। इस माह के आखिर से रबी सीजन वाले प्याज की भी नई आवक भी शुरू होने लगेगी जिससे प्याज के दाम और घटने की संभावना है। अगले माह के आखिर तक प्याज के दाम 20 रुपये किलो से नीचे आ सकते हैं। शर्मा भी मानते हैं कि अब आगे प्याज की कीमतों में नरमी का ही रुख रहने वाला है।
इस साल फरवरी में जनवरी के मुकाबले आवक बढी है। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के आंकडों के मुताबिक फरवरी में मंडियों में करीब 39.20 लाख क्विंटल प्याज की आवक हुई जो जनवरी में हुई करीब 35.60 लाख क्विंटल की आवक से ज्यादा है। हालांकि इस साल फरवरी में आवक पिछले साल फरवरी में हुई 53.51 लाख क्विंटल आवक की तुलना में 25 फीसदी से ज्यादा घटी है।
