पिछले एक सप्ताह के दौरान जिले के विभिन्न कृषि उत्पाद मार्केट कमिटी (एपीएमसी) में प्याज का औसत थोक मूल्य करीब 8 फीसदी चढ़कर 1300 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंचा है।
बाजार के सूत्रों के मुताबिक, जनवरी के अंत तक प्याज की कीमतें स्थिर होंगी। नासिक के खुदरा बाजार में फिलहाल प्याज 18-20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सामान्य रूप से अक्टूबर महीने से खरीफ फसल की आवक शुरू होती है।
लेकिन इस साल खराब मानसून के चलते यह पिछले साल के मुकाबले देर से आनी शुरू हुई। गुजरात और राजस्थान में पिछले साल के मुकाबले कम पैदावार के चलते अंतरराज्यीय प्याज कारोबार में काफी बढ़ोतरी हुई।
इस तरह होने वाले अंतरराज्यीय कारोबार में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब शामिल रहे और इन राज्यों की मांग में इजाफे के चलते प्याज की कीमत में बढ़ोतरी देखी गई।
इस सप्ताह नासिक जिले में प्याज के थोक कीमत पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब 8 फीसदी बढ़ी है। फिलहाल यह 1300 रुपये प्रति क्विंटल पर उपलब्ध है जबकि शुक्रवार को इसकी कीमत 1200 रुपये प्रति क्विंटल थी। नासिक के खुदरा बाजार में यह 18-20 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।
बाजार के सूत्रों के मुताबिक, अगले कुछ सप्ताह में प्याज की कीमतें नरम होंगी। देर से आने वाली खरीफ (रंगडा) की आवक के बाद इसकी कीमत कुछ हद तक कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्याज के मामले में नासिक देश का महत्वपूर्ण बाजार है। जिले में सालाना 12 लाख मीट्रिक टन प्याज की पैदावार होती है। इनमें खरीफ रंगडा और रबी तीनों का आंकड़ा शामिल है।
प्याज की कुल पैदावार में महाराष्ट्र की भागीदारी करीब 30 फीसदी की है। अकेले नासिक जिला महाराष्ट्र की कुल पैदावार में 35-40 फीसदी का योगदान करता है।