दिल्ली उच्च न्यायालय ने जीएमआर समूह की दो बिजली कंपनियों की अर्जी पर खनिज गैस नीलामी के लिए जारी ओएनजीसी के निविदा आमंत्रण नोटिस (एनआईटी) और ई-नीलामी पर रोक लगा दी है। कंपनी की यह निविदा जो आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में कृष्णा-गोदावरी (केजी) बेसिन में उसके ब्लॉक से प्राकृतिक गैस की बिक्री से संबंधित है। जीएसआर समूह की कंपनियों का कहना है कि इस परियोजना से उन्हें पहले जितनी गैस आवंटित की गई थी वह अब तक नहीं मिली है जबकि उन्होंने ओएनजीसी पर भरोसा कर के एक हजार कारोड़ रुपये का निवेश कर रखा है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने स्थगत का ओदश देते हुए कहा है कि याचिका दायर करने वाली जीएमआर समूह की दो कंपनियां की बात प्रथम दृष्टया संगत लगती है और सुविधा तथा असुविधा की दृष्टि से भी उनका पक्ष भारी दिखता है, क्योंकि नीलामी पूरी हो जापने से पर उन्हें अपूरणीय क्षति हो सकती। पीठ ने अपने 20 मई के आदेश में कहा, इसलिए, हम 12 अप्रैल 2021 को जारी एनआईटी के संचालन, कार्यान्वयन, निष्पादन और अंतिम को रूप देने पर तथा उसके साथ ही 27 अप्रैल 2021 को जारी एनआईटी के शुद्धिपत्र और उसके बाद होने वाली ई-नीलामी पर अगली सुनवाई तक रोक लगाते हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 जून को होगी।
