ओपेक अध्यक्ष चकीब खलील ने कहा है कि कच्चे तेल की मौजूदा 120 डॉलर प्रति बैरल से ऊंची कीमतें असामान्य हैं, जो उचित परिस्थितियों में 78 डॉलर प्रति बैरल तक टूट सकती है।
खलील ने बताया कि डॉलर में मजबूती जारी रही और ईरान से पश्चिमी देशों के संबंधों में सुधार हुआ तो दीर्घकालिक तौर पर तेल की कीमत 78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाएगी। उनके अनुसार, इस समय तेल की आपूर्ति पर्याप्त है और बाजार में संतुलन है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार अच्छी स्थिति में हैं और मांग में किसी तरह का व्यवधान नहीं है। उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल की कीमत पिछले साल भर में दोगुनी हो गयी है। इस माह की शुरुआत में तो कच्चा तेल लगभग 147 डॉलर प्रति बैरल की रेकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया था। लेकिन उसके बाद अब इसमें गिरावट का रुख है।
कच्चे तेल की कीमतों में और कमी आने पर तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के किसी सदस्य देश द्वारा उत्पादन घटाने की संभावना पर उन्होंने कहा कि वे ऐसा नहीं सोचते। उन्होंने उल्टे सवाल किया कि इन देशों को उत्पादन में क्यों कटौती करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वे तो हमेशा यही सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बाजार में अच्छी मांग और आपूर्ति हो। गौरतलब है कि ओपेक के एकमात्र एशियाई सदस्य देश इंडोनेशिया ने कहा है कि वह इस साल के अंत में अपनी सदस्यता का नवीकरण नहीं करेगा। वह इसलिए कि पिछले कुछ साल में इंडोनेशिया तेल का आयात करने लगा है।