इस साल के जुलाई महीने में देश से 4,61,367 टन खली का निर्यात हुआ है।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक, इस साल अप्रैल से जुलाई की अवधि में 18,65,719 टन खली का निर्यात हुआ है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में हुए 18,65,719 टन निर्यात से 92.36 प्रतिशत अधिक है।
निर्यात में बढ़ोतरी का कारण मुख्यत: सोयाबीन खली (4,91,600 टन से 13,89,996 टन) और रैपसीड खली (2,80,500 टन से 3,52,156 टन) के निर्यात में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। वियतनाम में भारत से खली आयात में जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई।
पिछले साल वियतनाम ने भारत से 3,73,285 टन खली खरीदा था, जो बढ़कर इस साल 468,724 टन हो गया है। इस खरीद में 3,97,188 टन सोयाबीन खली, 19572 टन रैपसीड खली और 51,964 टन राइसब्रैन शामिल है। दक्षिण कोरिया में भी भारतीय खली के आयात में इजाफा हुआ है।
पिछले साल दक्षिण कोरिया ने भारत से 227,425 टन खली का आयात किया था, जो इस साल बढ़कर 296,737 टन हो गया है। इस आयात में रैपसीड खली 170606 टन, सोयाबीन खली 63289 टन और अरंडी खली 62842 टन शामिल है।
जापान द्वारा किए गए आयात में भी बढ़ोतरी हुई और पिछले साल के 104550 टन खली के मुकाबले इस साल 220127 टन खली का आयात हुआ। अप्रैल से जुलाई 2008 की अवधि में जापान ने भारत से 217027 टन सोयाबीन खली, 3100 टन रैपसीड खली का आयात किया।