जायफल और जावित्री की भारी कमी की वजह से कीमतों पर दबाव बना हुआ है। ताजा फसलों की आपूर्ति में कमी आने का भी असर पड़ रहा है और बेहतरीन गुणवत्ता वाली जावित्री की कीमत 510-540 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।
छिलके वाले जायफल की कीमत बढ़कर 170 रुपये प्रति किलो हो गई है और बिना छिलके वाले जायफल की कीमत बढ़कर 250-270 रुपये के दायरे में ही चल रही है। एक बड़े थोक व्यापारी का कहना है कि जायफल की शुरुआती फसलों में भारी कमी आने से बाजार में कीमतों में बहुत बढ़ोतरी हुई।
जायफल और जावित्री की शुरुआती फसलें आमतौर पर जनवरी आनी शुरू होती हैं लेकिन इस साल बाजार में सामान्य फसल लगभग आधी ही बाजार में आई। इसकी वजह से बेहतरीन गुणवत्ता वाली जायफल और जावित्री की कमी हो गई।
कीमतों में बढ़ोतरी होने की वजह से किसान जायफल की फसल के पकने से पहले ही वे तोड़ने में लगे हैं। एक थोक विक्रे ता के. ए. स्टीफन का कहना है कि इससे नई फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
उनका कहना है कि शुरुआती फसल की कटाई शुरू हो गई है और फसल की ज्यादा मात्रा टर्मिनल मार्केट में आने की उम्मीद है। इसी वजह से आने वाले हफ्ते में कीमतों में कमी आ सकती है।
उनका यह भी कहना है कि उत्तर भारत से स्थानीय मांग में में कमी आई है इस वजह से कीमतों में गिरावट मुमकिन है। खरीदारों को ज्यादा कीमतों पर भी आपत्ति है। इसी वजह से कीमतों में यह तेजी ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी क्योंकि आपूर्ति में कमी हो जाएगी।
मई से जायफल और जावित्री की खेती का मौसम मई से शुरू होगा तब तक बाजार में ऊं ची दरें बनी रहेंगी और शुरुआती फसलों के आने से कीमतों में सुधार होता रहेगा।
