केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त अनाज वितरण योजना को दिसंबर से अगले 4 महीने तक के लिए बढ़ा दिया है।
पीएमजीकेएवाई के तहत केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल मुफ्त दे रही है, जो इन्हें मिलने वाले सामान्य कोटे के ऊपर दिया जा रहा है।
कुल मिलाकर अगले 4 महीने तक योजना चलाने पर केंद्र के खजाने पर 53,344.52 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सरकार ने अगले 4 महीनों तक मुफ्त में 163 लाख टन अतिरिक्त अनाज बांटने की योजना बनाई है।
पीएमजीकेएवाई योजना के तहत अनाजों के मुफ्त वितरण से चालू वित्त वर्ष में सरकार को अनुमानित रूप से 93,868 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ उठाना पड़ेगा। यह योजना कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए मई महीने में 2 माह के लिए फिर से शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसे नवंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया। इन दो विस्तारों में कुल क्रमश: 80 लाख टन और 204 लाख टन खाद्यान्न का आवंटन किया गया था।
आज के विस्तार को मिलाकर देखें तो सरकार को इस वित्त वर्ष में पीएमजीकेएवाई के कारण 1.47 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी देनी पड़ेगी।
वित्त वर्ष 22 के बजट में खाद्य सब्सिडी 2.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो वित्त वर्ष 21 के संशोधित अनुमान की तुलना में 42.54 प्रतिशत कम है।
पिछले साल राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) से पिछले कुछ साल के दौरान लिए गए कर्ज के सभी बकाये के भुगतान को देखते हुए कटौती की गई थी, जिससे खाद्यान्न खरीदने व वितरण करने की एफसीआई की अतिरिक्त सब्सिडी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मार्च 2020 में जब पहली बार यह योजना शुरू की गई थी, तबसे मिलाकर आज के विस्तार तक पीएमजीकेएवाई योजना पर कुल लागत करीब 2.6 लाख करोड़ रुपये होगी।’
