भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम का अगला चरण आशय पत्र (आरएएफ) जारी करने के साथ ही जल्द शुरू होने जा रहा है। इस चरण में 65 लाख टन भंडार विकसित करने के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।
इंडिया स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजव्र्स (आईएसपीआरएल) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी एचपीएस आहूजा के अनुसार, आनपीएफ सितंबर 2021 में जाारी किया जाएगा। इस बार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालांकि अप्रत्याशित परिस्थितियों में भंडारित कच्चे तेल का सबसे पहले इस्तेमाल करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा। पहले चरण में 53.3 लाख टन सामरिक कच्चे तेल के भंडार तीन जगहों- विशाखापत्तनम, मंगलूरु और पदूर- पर बनाए गए हैं।
विशाखापत्तनम के भंडारण की क्षमता 13.3 लाख टन (97.7 लाख बैरल) कच्चे तेल की है जबकि मंगलूरु की क्षमता 15 लाख टन (1.1 करोड़ बैरल) और पदूर में स्थापित भंडार की क्षमता 25 लाख टन (1.837 करोड़ बैरल) की है। इन तीनों परियोजनाओं की कुल लागत 4,098.35 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये भंडार भारत की कच्चे तेल की मांग के लगभग 9 से 10 दिनों तक पूरा कर सकते हैं। भारत हर साल लगभग 22.6 करोड़ टन (165.658 करोड़ बैरल) कच्चे तेल का आयात करता है। यह देश की कुल कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 84 फीसदी है।
आहूजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में इन भंडारों की मौजूदा स्थिति के बारे में कहा, ‘आईएसपीआरएल के भंडार फिलहाल पूरी क्षमता पर हैं। इसका मतलब यह है कि देश में मौसम संबंधी प्रतिकूल प्ररिस्थितियों से निपटने के लिए इन तीनों सामरिक भंडारों में करीब 3.9 करोड़ बैरल कच्चे तेल का भंडार किया जा रहा है।’
अप्रैल और मई 2020 के दौरान वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने पर भारत ने सामरिक पेट्रोलियम भंडारों को भरने के लिए दोगुना प्रयास किया था। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, इससे सरकारी खजाने को करीब 5,000 करोड़ रुपये की बचत हुई। इन सामरिक भंडारों को भरने के लिए खरीदे गए कच्चे तेल का औसत मूल्य उस दौरान करीब 19 डॉलर प्रति बैरल आंका गया था जो मौजूदा कीमतों का करीब एक तिहाई है। दूसरे चरण के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 65 लाख टन सामरिक पेट्रोलियम भंडार, ओडिशा के चंडीखोल (40 लाख टन) और कर्नाटक के पदूर (25 लाख टन) में बनाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। दूसरे चरण से देश में 12 दिनों के सामरिक कच्चे तेल का भंडारण जुड़ेगा।
