छत्तीसगढ़ के भू-विज्ञान और खनन विभाग ने अपने ताजा सर्वेक्षण में राज्य में कोयले , लौह अयस्क, बाक्साइट और लाइमस्टोन के नए क्षेत्रों का पता लगाया है।
भू-विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि खनिज सर्वेक्षण के दौरान रायगढ़ जिले में कोयले और बस्तर में लौह अयस्क के नए क्षेत्रों का पता चला है। इसके अलावा सरगुजा में बाक्साइट और कबीरधाम में लाइमस्टोन के नए क्षेत्र भी ढूंढे गए हैं।
रायगढ़ जिले के पेल्मा सेक्टर में खोजे गए कोयले के नवीनतम क्षेत्र में लगभग 4 करोड़ टन कोयले के होने की उम्मीद की जा रही है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा के बैलाडिला में 50 लाख टन और कांकेर जिले में लगभग 15 करोड़ टन लौह अयस्क भी मौजूद हो सकता है। लौह अयस्कों की सबसे अच्छी किस्म निकालने के लिए बैलाडिला पूरी दुनिया में मशहूर है।
देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक और निर्यातक नैशनल मिनरल डिवेलपमेंट कार्पोरेशन (एनएमडीसी) ने बैलाडिला में खनन के लिए अपनी यूनिट स्थापित की है। यहां से एनएमडीसी जापान और दूसरे अन्य देशों को लौह अयस्कों का निर्यात करता है।
खनन विभाग के अधिकारियों ने सरगुजा जिले के मैंपथ की पहाडियों में बाक्साइट के नए भंडार का भी पता लगाया है। इस क्षेत्र में वेदांत ग्रुप के नियंत्रण वाली कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने बाक्साइट के लिए अपने कई ब्लॉकों को स्थापित कर रखा है। अधिकारियों ने कबीरधाम जिले के सोहागपुर क्षेत्र में लाइमस्टोन के नए भंडार को भी खोज निकालने की बात कही है।