मंडियों में नया मक्का आने लगा है। जिससे इसके दाम भी धीरे-धीरे घटने लगे हैं और आगे आवक जोर पकड़ने पर दाम और घट सकते हैं। बारिश के कारण मक्के की नई आवक में 10 से 15 दिन की देरी हुई है। हालांकि जानकारों के अनुसार बारिश से उत्पादन पर खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस खरीफ सीजन में 231 लाख टन मक्का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन के उत्पादन 226 लाख टन से ज्यादा है।
दिल्ली में सप्ताह भर में मक्के के दाम 50-70 रुपये घटे
मक्का कारोबारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि उत्पादक राज्यों की मंडियों में नये मक्के की आवक शुरू हो चुकी है। जिससे इसके दाम भी धीरे-धीरे सुस्त पड़ने लगे हैं। सप्ताह भर में दिल्ली में मक्के के दाम 50-70 रुपये घटकर 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।
बारिश से कटाई में हो रही देरी, लेकिन उत्पादन पर खास फर्क नहीं
ओरिगो कमोडिटीज में वरिष्ठ प्रबंधक (शोध) इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि बारिश के कारण मक्के की नई फसल की आवक में 10 से 15 दिन देरी हुई है। हाल में हुई बारिश से कटाई अभी भी प्रभावित हो रही है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश की मंडियों में 1,000 से 1,500 बोरी मक्के की आवक हो रही है। नई आवक शुरू होने से मध्य प्रदेश में मक्के के दाम 2,400 रुपये से गिरकर 2,360 रुपये प्रति क्विंटल पर आ चुके हैं। मक्के की पोल्ट्री फीड में मांग सबसे ज्यादा रहती है। इस फीड में उपयोग होने वाले अन्य उत्पादों मसलन सोयाबीन, बाजरा, टूटे चावल आदि के दाम भी घटे हैं। इससे भी मक्के की कीमतों में गिरावट को बल मिल रहा है। बारिश से कटाई में देरी तो हो रही है। लेकिन उत्पादन घटने की संभावना कम है। इस साल पिछले साल से मक्के की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। इससे भी मक्के की कीमतों में सुस्ती आई है।
आवक जोर पकड़ने पर मक्के के दाम और घट सकते हैं। पॉल कहते हैं कि आने वाले दिनों में सभी उत्पादक राज्यों में मक्के की आवक तेजी से बढ़ने लगेगी। ऐसे में इस माह इसके दाम घटकर 2,100 रुपये तक और अगले महीने भाव 2,000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जा सकते हैं। अग्रवाल के मुताबिक भी आवक जोर पकड़ने पर मक्के की कीमतों में 100 से 150 रुपये की गिरावट संभव है।