हैदराबाद में चल रहे ‘एशियन सीड कांग्रेस’ में पैदावार बढ़ाने और किसानों के लागत मूल्य कम करने के लिए नई किस्म के बीजों की जरूरत पर जोर दिया गया।
इस समारोह का उद्धाटन करने आए कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार बीजों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं के लिए इंटरनेशनल सीड टेस्टिंग एसोसिएशन से आधिकारिक मान्यता लेने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रही है।
मौसम में बदलाव, ग्लोबल वार्मिंग और खाद्यान्नों की अत्यधिक कीमतों के रुप में कृषि क्षेत्र को चुनौतियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि नई किस्मों की निश्चित तौर पर जांच, रिलीज, प्रसंस्करण आदि करने के बाद किसानों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए साथ ही उन्होंने बताया कि नई किस्मों की स्वीकार्यता दर कम रही है क्योंकि किसानों की जरूरतों को देखते हुए बीजों का विकास नहीं किया गया।
पवार ने कहा कि पारंपरिक ज्ञान को सुरक्षित रखने की जरूरत है और किसानों में खेतों के संरक्षण की परंपराओं को फिर से जगाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देश में 45 लाख क्विंटल बीजों की कमी तकनीकों के तब्दीली के जरिये अगले पांच वर्षों में सुधर जाएगी और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें सम्मिलित रूप से प्रयास कर रही है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने बीज बनाने वाली कंपनियों से कहा कि वे खरीदने योग्य कीमतों पर उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराएं जिससे कृषि का लागत मूल्य कम हो और खाद्यान्नों के उत्पादन बढ़ सकें।