केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि देश को इस्पात का उत्पाद 2030 तक 30 करोड़ टन और 2047 तक 50 करोड़ टन तक पहुंचाने की रणीनति पर काम करने की जरूरत है। 2021-22 में इस्पात का उत्पाद 12 करोड़ टन रहा। उन्होंने कहा कि लौह अयस्क सहित अन्य कच्ची सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी उपयुक्त नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। इसके अलावा ग्रीन स्टील की तरफ बढऩे की तत्काल आवश्यकता है जो कि हाइड्रोजन पर सरकार के ध्यान के अनुरूप होगा। इसके परिणामस्वरूप लौह और इस्पात उद्योग को सबसे अधिक लाभ होगा क्योंकि कोयले का स्थान हाड्रोजन ले लेगी और कोयले के आयात पर उद्योग की निर्भरता में भी कमी आएगी।
