मुंबई स्थित एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज (एमसीएक्स-एसएक्स)ने करेंसी डेरिवेटिव मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के बाद अगले छह महीनों के दौरान बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद कर रहा है।
इसने यूपी ज्वेलर्स एसोसिएशन (यूपीजेए) के साथ हाथ मिलाया है ताकि इसके सदस्यों को मुफ्त सलाह, बाजार की सूचनाएं और कारोबारियो के लिए कारोबारी मौके के बारे में जानकारी मुहैया कराई जा सके।
एमसीएक्स-एसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) यू वेंकटरमन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि करेंसी बाजार के बारे में जागरुकता का अभाव और जटिल तकनीकों की वजह से लक्षित ग्राहकों को फायदा नहीं मिल पाता है।
उनका कहना है, ‘हमलोगों ने एक आक्रामक रणनीति बनाने के बारे में सोचा है ताकि हम बड़े कारोबारियों के साथ गठजोड़ कर अपनी पहुंच को पूरे देश भर में फैलाएं। यूपीजेए के साथ गठजोड़ करने के बाद हमारी निगाहें कानपुर के कपड़ा, चमड़े, इंजीनियरिंग के सामान और प्लास्टिक उद्योग के निर्यातकों पर है।’
यह एक्सचेंज शेयर बाजार की नियामक सेबी, भारतीय रिजर्व बैंक की पहल पर बनाया गया है ताकि बैंक, निवेशकों और कॉरपोरेशंस को एक्सचेंज की दरों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए मुद्रा को जोखिम से बचाया जा सके।
एमसीएक्स-एसएक्स ने पहले से ही बड़े निर्यातकों के समूह मसलन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोटर्स ऑर्गनाइजेशन (एफआईइओ), फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफईडीएआई) सेंटर ऑफ कॉरपोरेट रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग(सीसीआरटी) आदि के साथ गठजोड़ किया है।
