घरेलू और विदेशी बाजार में भारतीय मक्केकी बढ़ रही मांग से इसकी कीमत में तेजी का रुख है।
नकदी बाजार के साथ-साथ मक्केके वायदा बाजार का हाल कमोबेश एक जैसा है। ऐन वक्त पर इस सीजन में मक्केके पैदावार के अनुमान में संशोधन की खबर ने बाजार को और भी गरमा दिया है। बताया जाता है कि मक्केकी पैदावार अनुमान से कम होगी।
व्यापारियों और कमोडिटी विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले छह महीने में करीब 9 लाख टन मक्के का निर्यात हुआ है और कहा जा रहा है कि निर्यात का यह आंकड़ा 20 लाख टन को पार कर सकता है। बांग्लादेश व श्रीलंका समेत दक्षिण पूर्व एशियाई देश मक्का निर्यात का मुख्य बाजार है।
पश्चिम बंगाल से बर्ड फ्लू के विदा होने केबाद पॉल्ट्री इंडस्ट्री में एक बार फिर मक्के की मांग निकल आई है। साथ ही स्टार्च इंडस्ट्री भी मक्के के भंडारण में जुट गई है। ऐसे में आने वाले दिन में मक्केकी कीमत में और भी मजबूती देखी जाएगी।
मुंबई में स्टार्च बनाने वाली कंपनी सहयाद्री स्टार्च के मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल मंजीठिया ने कहा – बाजार में रबी फसल का आगमन शुरू हो चुका है और कंपनियां इसके भंडारण में जुट गई हैं। बाजार में मक्केके आने का सिलसिला मार्च के अंत तक जोर पकड़ेगा और मई तक जारी रहेगा।
हालांकि इस साल 25 लाख टन मक्के के पैदावार की उम्मीद जताई गई है जो पिछले साल के मुकाबले 10 लाख टन कम है।
कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि रबी सीजन में पैदावार में होने वाली गिरावट की भरपाई खरीफ फसल की पैदावार से हो जाएगी। खरीफ सीजन में 20 लाख टन ज्यादा मक्के की पैदावार की संभावना है।
पिछले साल के 140 लाख टन मक्केकी पैदावार हुई थी। हालांकि ये विशेषज्ञ भी मक्के के बाजार में तेजी के तूफान से इनकार नहीं कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्के की मजबूत कीमत और सोयामील में उफान से भी देसी बाजार में मक्के की कीमत में बढ़ोतरी को समर्थन मिल रहा है।
मुंबई स्थित विशेषज्ञ ने बताया कि निर्यात के ऑर्डर में तेजी आने लगी है और जब रबी फसल की आवक तेज हो जाएगी तो इसमें और भी बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अन्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया और नेपाल के व्यापारी पूछताछ कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान भी भारतीय मक्का आयात करने का इच्छुक बताया जा रहा है।
कमोडिटी विशेषज्ञ के मुताबिक बाजार में मक्के की कीमत फिलहाल 755 रुपये प्रति क्विंटल है और इसके 900 रुपये प्रति क्विंटल जाने के आसार हैं। वायदा बाजार में 882 रुपये प्रति क्विंटल का भाव टिकाऊ लग रहा है और अगर मक्का इस स्तर को पार कर लेता है तो इसके 910 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंचने की पूरी संभावना है।
हालांकि बाजार विशेषज्ञ ये भी कह रहे हैं कि एक पखवाड़े में मक्का 950 रुपये प्रति क्विंटल केस्तर को पार कर सकता है। नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में अप्रैल डिलिवरी 867 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जो पिछले एक पखवाड़े के
मुकाबले 7.3 फीसदी ज्यादा है।