महंगाई दर के दहाई से नीचे आते ही सरकार ने खाद्य तेलों के निर्यात पर लगी पाबंदी में आंशिक छूट दे दी है।
गुरुवार को जारी आदेश में बताया गया है कि 5 किलोग्राम के कंज्यूमर ब्रांडेड पैकेट में करीब 10 हजार टन खाद्य तेलों का निर्यात किया जा सकता है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि इस निर्णय से अंतरराष्ट्रीय कारोबार पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
यह छूट केवल कंज्यूमर पैकेट पर ही दी गई है वह भी अक्टूबर 2009 तक। हालांकि मछली तेल का निर्यात अब पूरी तरह से प्रतिबंध मुक्त हो गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय के मुताबिक, निर्यात किए जाने वाले खाद्य तेलों की मात्रा की निगरानी के लिए वाणिज्य मंत्रालय एक उपयुक्त ढांचा बनाएगा।
मालूम हो कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए 17 मार्च 2008 को सरकार ने खाद्य तेलों के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी और तब से यह पाबंदी चली आ रही थी।
मालूम हो कि भारत प्रीमियम किस्म के करीब 10 हजार टन खाद्य तेलों का निर्यात करता है। निर्यात होने वाले तेलों में नारियल, तिल, सरसों और मूंगफली शामिल हैं।
ये निर्यात या तो कंज्यूमर पैक में होते हैं या थोक में। जिंस कीमतों में कमी होने के बाद अब सरकार खाद्य तेलों के निर्यात पर लगी पाबंदी में छूट दे रही है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अशोक सेतिया ने बताया कि सरकार के निर्णय का केवल उन कारोबारियों पर ही असर होगा जो विदेशों में खाद्य तेलों की खुदरा बिक्री करते हैं।