चालू त्योहारी सीजन के दौरान देवी-देवताओं की पूजा और उनकी सजावट के लिए कानपुर के लोगों ने देसी फूलों की कमी को देखते हुए फूलों की विदेशी किस्मों का रुख किया है।
पिछले महीने हुई भारी बारिश से देसी फूलों की फसल के प्रभावित होने के कारण इन आयातित फूलों की मांग में पिछले 15 दिनों में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में देसी फूलों की आपूर्ति में कमी को देखते हुए आयातित फूलों, खास तौर से हॉलैंड और थाईलैंड से मंगाए जाने वाले फूलों, की मांग में तेजी आ रही है।
आयातित फूल अपेक्षाकृत अधिक दिनों तक ताजे बने रहते हैं और देखने में भी आकर्षक होते हैं। कानपुर के सिविल लाइन्स में गिफ्ट और फूलों का कारोबार करने वाले अशोक सैनी ने बताया कि आयातित फल सस्ते हैं और भारतीय फूलों की तुलना में अधिक दिनों तक ताजे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि खुदरा बाजार में आयातित ऑर्किड, टयूलिप और लिलि की अच्छी मांग है।
स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग के पास फूलों का कारोबार करने वाले अब्दुल शरीफ ने कहा, ‘पिछले साल हमने अपने कारोबार का 10 प्रतिशत विदेशी फूलों का किया लेकिन इस साल मांग बढ़ रही है और यह हमारे व्यवसाय का लगभग 40 प्रतिशत हो गया है।’
उपभोक्ताओं की मांग में अचानक आए परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर शहर में फूलों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता फ्लोरा के मुख्य संयोजक जफर एस नकवी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि फूलों के स्थानीय किस्म की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी होने के कारण खरीदारों ने सस्ते और अच्छे दिखने वाले किस्मों का रुख किया है। उन्होंने कहा, ‘लोग प्लास्टिक के फूलों की जगह वास्तविक फूलों की खरीदारी कर रहे हैं। अंतर्साज के उद्देश्य से भी फूलों का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है।