केंद्र सरकार के खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती करने के फैसले से केरल के हजारों नारियल किसान प्रभावित हो सकते हैं।
ये किसान पहले से ही कीमतों में गिरावट से परेशान हैं। आयात शुल्क में कटौती से स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंद ने केंद्र द्वारा खाद्य तेलों जिनमें काजू का तेल भी शामिल है, पर से आयात शुल्क में कटौती के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों पर शुल्क जहां जुलाई 2006 में 89.4 फीसदी थी, वहीं पिछले दो सालों में इसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।
अच्युतानंद ने कहा कि यूपीए सरकार किसानों की हितैषी होने का ढोंग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार असल में वैश्वीकरण को बढ़ावा देकर किसानों को संकट में डाल रही है।
केरल की एलडीएफ सरकार और किसान संगठन ने कहा है कि आयात शुल्क में कटौती से 31 लाख किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे। केरल सरकार का तर्क है कि अपरिष्कृत काजू तेल पर आयात शुल्क 45 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी तथा परिष्कृत तेल पर आयात शुल्क 52 फीसदी से घटाकर 27.5 फीसदी करने से भारतीय बाजार में काजू तेल की बाढ़ आ जाएगी।