हिन्दुस्तान के कश्मीर से पाकिस्तान के कश्मीर तक शुरू हो रहे व्यापार में सेब को शामिल नहीं करने से उत्पादक एवं कारोबारी दोनों ने ही चैन की सांस ली है। दोनों ही मुल्कों के बीच यह कारोबार 1 अक्तूबर से शुरू हो रहा है। आजादपुर मंडी में कश्मीरी सेब के कारोबारियों के मुताबिक सेब का व्यापार नहीं होने से हिन्दुस्तान के लोगों के सामने सेब की कमी नहीं होगी। देश में सेब की कुल खपत के 70 फीसदी भाग की पूर्ति कश्मीर से होती है। बाकी 30 फीसदी सेब की आवक हिमाचल प्रदेश होती है। जाहिर बात है पाकिस्तान में कश्मीरी सेब की आवक शुरू होने से भारत में सेब की कीमत हमेशा के लिए अधिक हो जाती। कश्मीरी सेब विक्रेता संघ के प्रमुख आरएस कृपलानी कहते हैं, ‘सिर्फ कारोबारी को ही नहीं सेब उत्पादकों को भी चैन मिला है। वैसे भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अमेरिका व कोलंबो से सेब की आवक होती है। जिसकी गुणवत्ता कश्मीरी सेब के मुकाबले काफी उम्दा है। और उनके साथ भारतीय सेब को प्रतिस्पर्धा करना आसान नहीं होता।‘ कश्मीरी सेब उत्पादक मोहम्मद रहमान ने बताया कि मुजफ्फराबाद या पीओके का बाजार उनके लिए नया होता। ऐसे में उनके उत्पाद को लेकर उन बाजारों में क्या प्रतिक्रिया होती, इसका आकलन नहीं किया जा सकता था। जबकि भारत में उनका निर्धारित बाजार है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में उन्हें वहां के नियम के मुताबिक व्यापार करना पड़ता जिससे कि वे वाकिफ नहीं है। हालांकि पिछले महीने घाटी में हिंसा के दौरान सेब उत्पादकों ने पाकिस्तान जाकर सेब बेचने की इच्छा जतायी थी।
दूसरी ओर सेब की आवक में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण कीमत में रोजाना गिरावट जारी है। इन दिनों आजादपुर मंडी में रोजाना 600-625 गाड़ियों की आवक है और यह संख्या अगले महीने 650-675 तक हो सकती है।
दिल्ली में सेब की थोक कीमत 17-25 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गयी है तो पंजाब में 29 सितंबर को यह कीमत 10-30 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गयी। हरियाणा की मंडी में तो सेब की कीमत में पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी तक की कमी आयी है। यहां कीमत 16-18 रुपये प्रति किलोग्राम बतायी जा रही है।