महंगाई रोकने के सरकारी फैसले का असर वनस्पति तेल और चावल के थोक बाजार पर मंगलवार को साफ-साफ देखने को मिला।
तेल के दाम में 5 रुपये से लेकर 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई। वहीं चावल के बाजार में भी मामूली कमी देखी गई। चावल के थोक बाजार में प्रति किलो 1.50 रुपये से लेकर 2 रुपये प्रति किलो की गिरावट रही। बाजार का मानना है कि वनस्पति तेल के दामों में अभी और गिरावट आएगी। कारोबारियों का कहना है कि तेल के दाम कम होने से उन्हें भी लाभ मिलेगा। तो चावल व्यापारियों के बीच इस गिरावट को लेकर कोई उत्साह नहीं है।
सरकार के फैसले से वायदा बाजार में सोयाबीन सोया और सरसों तेल की कीमतों में भारी गिरावट हुई, जिसके कारण मंगलवार को कारोबार थोड़ी देर के लिए रुक गया।सोमवार को देर रात सरकार ने बढ़ती महंगाई (महंगाई दर 6.68 फीसदी) पर काबू के लिए कच्चे वनस्पति तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को पूर्ण रूप से हटाने का फैसला किया तो रिफाइंड वनस्पति तेलों के आयात पर अब मात्र 7.5 फीसदी शुल्क लगेगा।
सप्ताह भर पहले भी सरकार ने वनस्पति तेलों के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। इधर, एनसीडीइएक्स के एक पदाधिकारी ने कृषि से जुड़े कुछ जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की संभावना को महज अटकलें करार दिया है। बाजार में यह चर्चा थी कि सरकार कुछ खाद्य वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने का मन बना रही है।
दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता के मुताबिक सोमवार के फैसले के बाद मंगलवार को सुबह तेल के थोक बाजार में सोयाबीन तेल में 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई। वही पामऑयल में यह गिरावट 8 रुपये प्रति किलो की रही तो बिनौला व सरसों तेल में भी प्रति किलो 5 से 6 रुपये की कमी दर्ज की गई।
सोयाबीन की कीमत 6300-6400 रुपये प्रति टन के स्तर पर थी, जो गिरकर 5700-5800 रुपये प्रति टन के स्तर पर आ गई। तो सरसों तेल की कीमत 6300 रुपये प्रति टन से गिरकर 5700 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई। गुप्ता कहते हैं, ‘निश्चित रूप से इस कमी से कारोबारियों को लाभ मिलेगा।
क्योंकि गिरावट से नई मांग निकलेंगी और मांग में बढ़ोतरी होगी, जिससे थोक बाजार से अधिक तेल बिकेगा। लेकिन वे यह भी आशंका जाहिर करते हैं कि इस फैसले से स्टॉक करने वाले कारोबारियों को नुकसान भी होगा।
ऐसा हुआ असर
वनस्पति तेल के थोक दामों में भारी कमी
5 से लेकर 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट
चावल का उबाल भी कुछ कम हुआ
थोक में 1.50 से 2 रु. प्रति किलो की गिरावट