पेट्रोल एवं डीजल की आसमान छूती कीमतों से परेशान लोगों के जख्म पर अब कृषि जिंसों की ऊपर भागती कीमतों ने भी नमक छिड़कना शुरू कर दिया है। कृषि जिंसों के दाम बढऩे से उपभोक्ता वस्तु कंपनियां और उपभोक्ता दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। खाद्य तेल से लेकर दलहन और टेलीविजन पैनल तक की कीमतें बढऩे के बाद न केवल आम लोगों का बजट बिगड़ गया है, बल्कि अग्रणी विनिमार्ताओं की कमाई पर भी चोट पडऩे का खतरा पैदा हो गया है।
उदाहरण के लिए पिछले एक वर्ष के दौरान खाद्य तेल का दाम 45 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। इसी तरह साबुन एवं अन्य वस्तुओं में इस्तेमाल होने वाले पाम तेल की कीमत पिछले एक वर्ष से कुछ अधिक समय में 49 प्रतिशत तक चढ़ चुकी है। इस वजह से हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और मैरिको से लेकर डाबर और नेस्ले तक सभी अपने उत्पादों के दाम बढ़ा रही हैं। एडलवाइस रिसर्च के अनुसार अप्रैल-जून अवधि में एचयूएल ने अपने उत्पादों की कीमतों में कम से कम 6 प्रतिशत का इजाफा किया था। पिछले एक वर्ष के दौरान डव, लक्स और लाइफबॉय साबुनों के दाम 16 से 27 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मल्होत्रा ने बताया कि उनकी कंपनी ने जून तिमाही में उत्पादों के दाम 3 प्रतिशत बढ़ाए हैं। मल्होत्रा ने कहा, ‘महंगाई में जबरदस्त इजाफा हुआ है। कम से कम पिछले 7 से 8 वर्षों में इस कदर महंगाई कभी नहीं बढ़ी थी। उत्पाद तैयार करने की लागत 5 प्रतिशत बढ़ गई है और इसका असर कम करने के लिए दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ाने पड़ेंगे, लेकिन ऐसा करना संभव नहीं है।’
अमूल ने दूध का दाम 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है। विश्लेषकों को लगता है कि दूसरे दुग्ध उत्पादक भी आइसक्रीम, कोल्ड कॉफी और स्किम्ड मिल्क आदि के दाम बढ़ाने में पीछे नहीं रहेंगे। सूत्रों के अनुसार नेस्ले इंडिया ने अपने सर्वाधिक बिकने वाले मैगी नूडल्स ब्रांड के पैक का आकार 70 ग्राम से घटाकर 60 ग्राम कर दिया है।
टेलीविजन पैनल, कम्प्रेशर, मोटर और प्लास्टिक के दाम भी बढ़ गए हैं। पैनल के दाम में 30 से 100 प्रतिशत तक इजाफा होने से टेलीविजन अब 15 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। जॉनसन कंट्रोल्स-हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गुरमीत सिंह के अनुसार ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ब्रांडों के दाम 7 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।
