पिछले कई दिनों से सोने का दाम सातवें आसमान पर है। इसकी वजह से भारत में फरवरी माह में सोने के आयात में करीब 81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। दरअसल, ऐसा आभूषण निर्माताओं और खुदरा निवेशकों की खरीद में दिलचस्पी नहीं लेने की वजह से आई है।
बॉम्बे बुलियन एसोशिएसन लिमिटेड, जिसमें 230 कंपनियां संबंद्ध है, उसके मुताबिक, फरवरी माह में 10.2 टन सोने का आयात किया गया, जबकि पिछले साल इसी माह में 54 टन सोने का आयात किया गया था। इसके साथ ही विदेशों में जनवरी और फरवरी माह में 15.2 टन सोने की खरीद की गई, जबकि पिछले साल इस दौरान 110 टन सोने की खरीद की गई थी।
इस साल डॉलर के कमजोर होने और कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने की वजह से सोने के दाम में 16 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। 3 मार्च को तुरंत आपूर्ति की जाने वाले सोने के दाम रिकॉर्ड 989.54 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गया है।
मुंबई से फोन पर संस्था के अध्यक्ष सुरेश हुंडया ने बताया कि बाजार में फिलहाल आयातित सोने की मांग नहीं के बराबर है। उन्होंने आगे बताया कि सोने की कीमत अगर इसी स्तर पर रही तो पिछले साल की तुलना में इस बार आधी मात्रा भी आयात नहीं की जा सकेगी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, पिछले तीन माह के दौरान भारत में सोने के आयात में 64 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। यानी इस दौरान 83.9 टन सोने का आयात किया गया। उधर, विश्वव्यापी मांग में भी इस दौरान तकरीबन 843 टन की गिरावट देखी गई, जबकि इस दौरान पिछले साल 1,013.4 टन सोने की खरीद की गई थी।
हुंडया का कहना है कि अगर सोने की कीमत इसी स्तर पर बनी रही तो शादी-ब्याह के मौसम में भी सोने की मांग नहीं बढ़ेगी। यही नहीं, चांदी के दाम में भी उछाल की वजह से इसकी मांग में कमी आई है। बढ़ी कीमतों की वजह से भारत में पिछले अक्टूबर माह से चांदी का आयात नहीं किया गया है। हालांकि बुधवार को चांदी की कीमत में आंशिक गिरावट (0.6 फीसदी) दर्ज की गई और अब इसकी कीमत 19.67 डॉलर प्रति आउंस तक पहुंच गई, जबकि 3 मार्च को चांदी की कीमत 27 साल के रिकॉर्ड स्तर, यानी 20.59 डॉलर प्रति आउंस पर थी।
