भारत का मध्य पूर्व (Middle East ) के देशों से तेल आयात सितंबर में गिरकर 19 महीने के निचले स्तर पर आ गया, जबकि रूस से आयात में फिर से उछाल आया है। हालांकि रिफाइनिंग से जुड़ी समस्याओं ने कुल कच्चे तेल के आयात को प्रभावित किया है। व्यापार और शिपिंग स्रोतों के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
आंकड़ो से पता चलता है कि इराक अभी भी भारत में कच्चे तेल का सबसे बडा आपूर्तिकर्ता है, जबकि रूस ने सऊदी अरब को एक महीने के अंतराल के बाद पछाड़ कर दूसरा स्थान हासिल किया है। भारत का कुल तेल आयात सितंबर में गिरकर 14 महीन के निचले स्तर पर यानी 39.1 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंच गया।
सितंबर में भारत का कुल तेल आयात गिरकर 14 महीने के निचले स्तर यानी 39.1 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) पर आ गया, जो एक साल पहले की तुलना में 5.6 फीसदी कम है। आंकड़े बताते है कि यह कमी रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडियन ऑयल जैसे रिफाइनर के रखरखाव (मेंटेनेंस) को लेकर आ रहे व्यवधान के कारण आई है।
मध्य पूर्व से भारत का आयात लगभग 22 लाख बीपीडी तक गिर गया, जो अगस्त से 16.2 फीसदी कम है, जबकि रूस से आयात पिछले दो महीनों में गिरावट के बाद 4.6 फीसदी बढ़कर लगभग 896,000 बीपीडी हो गया। भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी पिछले महीने के 19 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी हो गई, जबकि मध्य पूर्व से 59 फीसदी घटकर 56.4 फीसदी हो गई। कैस्पियन सागर के तेल का हिस्सा, मुख्य रूप से कजाकिस्तान, रूस और अजरबैजान से 24.6 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो गया।
रियायती कीमतों का लाभ उठाते हुए चीन के बाद भारत रूस के दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार के रूप में उभरा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण यूरोपीय देश रूस से तेल खरीदारी करने से परहेज कर रहे हैं। भारत की एक सरकारी रिफाइनर के सूत्र ने कहा, ‘रूसी तेल पर डिस्काउंट अब कम हो गया है, लेकिन जब आप मध्य पूर्व के साथ इसकी लैंडिंग लागत की तुलना करते हैं, तो रूसी तेल सस्ता लगता है।’
आंकड़ों से पता चलता है कि सऊदी अरब से आयात तीन महीने के निचले स्तर यानी लगभग 758,000 बीपीडी पर पहुंच गया जो अगस्त से 12.3 फीसदी नीचे है। जबकि इराक से आयात 948,400 बीपीडी हो गया, जो एक साल का सबसे निचला स्तर है। संयुक्त अरब अमीरात से आयात लगभग 262,000 बीपीडी है जो 16 महीने का सबसे निचला स्तर है। कैस्पियन सागर से तेल के अधिक आयात ने अप्रैल-सितंबर में भारत के आयात में अन्य क्षेत्रों की हिस्सेदारी को प्रभावित किया है।