जून में भारत का स्वर्ण आयात एक साल पहले के स्तरों से करीब तीन गुना बढ़ गया। कीमतों में गिरावट और प्रमुख त्योहार के दौरान शानदार बिक्री के बाद आभूषण विक्रेताओं द्वारा स्टॉक को मजबूत बनाने के प्रयासों की वजह से भी स्वर्ण आयात में इजाफा दर्ज किया गया। एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सराफा उपभोक्ता द्वारा ज्यादा आयात से सोने की कीमतों में मदद मिल सकती है, लेकिन इस तेजी से भारत के व्यापार घाटे में इजाफा हो सकता है और इसका दबाव कमजोर चल रहे रुपये पर पड़ सकता है। एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित किए जाने के अनुरोध के साथ बताया कि देश ने जून में 49 टन सोने का आयात किया, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 17 टन था। उन्होंने कहा कि वैल्यू के संदर्भ में, जून में स्वर्ण आयात एक साल पहले के 96.9 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2.61 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि 2022 की पहली छमाही में भारत का स्वर्ण आयात पिछले साल के 493 टन से घटकर 335 टन रह गया।
एक निजी सराफा आयातक बैंक से जुड़े मुंबई स्थित डीलर ने कहा, ‘पूरे देश में अक्षय तृतीया के दौरान सोने की खुदरा बिक्री शानदार रही। इससे आभूषण विक्रेताओं के पास सोने की जमाखोरी घट गई। आभूषण विक्रेताओं ने कीमतों में गिरावट के बाद पिछले महीने सोने का स्टॉक बढ़ाने पर जोर दिया था।’ सालाना हिंदू और मई के पहले सप्ताह में मनाए जाने वाले जैन पर्व के दौरान सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है। स्थानीय स्वर्ण वायदा जून में गिरकर तीन महीने के निचले स्तर के आसपास बंद हुआ। मई में, भारत का स्वर्ण आयात एक साल पहले के मुकाबले 677 प्रतिशत बढ़ गया था, जो किसी एक वर्ष में सर्वाधिक था और इसका देश के बढ़ते व्यापार घाटे में बड़ा योगदान रहा तथा इससे रुपये पर दबाव पड़ा।
बढ़ते स्वर्ण आयात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह सोने पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया, जिससे कि आयात को नियंत्रित किया जा सके। मुंबई स्थित थोक विक्रेता चेंनाजी नरसिंहजी के प्रॉपराइटर अशोक जैन ने कहा कि शुल्क वृद्धि की वजह से स्थानीय स्तर पर कीमतें अचानक बढ़ी हैं और खुदरा निवेशकों ने सोने की खरीदारी को फिलहाल टाल दिया है।
