बांग्लादेश इस साल भारतीय कपास विशेषकर शंकर-6 किस्म का पसंदीदा ग्राहक बनकर उभरा है।
दूसरी ओर, भारत में कपास कीमतों में हुई भारी तेजी के बीच दुनिया के सबसे बड़े कपास आयातक चीन में इसकी मांग में खासी कमी हुई है।
मुंबई में कपड़ा आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे पास पंजीकृत लोकप्रिय शंकर-6 किस्म के कच्चे कपास के अनुबंधों का एक बड़ा हिस्सा इस साल बांग्लादेश को भेजा जा रहा है।
सौराष्ट्र ओटाई संघ के महासचिव आनंद पोपट ने भी बताया, ”इस साल बांग्लादेश जाने वाली कच्ची कपास में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि वहां विकासशील कपड़ा उद्योग में लोकप्रिय शंकर-6 किस्म की मांग अभी तक काफी बेहतर है।” हालांकि निर्यात मात्रा के बारे में किसी ने निश्चित तौर कुछ भी नहीं बताया।
वैसे आम तौर पर बांग्लादेश गुजरात से करीब 1 से 1.5 लाख गांठों (एक गांठ=170 किलोग्राम) का सालाना आयात करता है। बहरहाल इस अधिकारी ने इस वर्ष कपास निर्यात में भारी वृध्दि की उम्मीद जताई।
गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव कॉटन फेडरेशन के अध्यक्ष एन एम शर्मा के मुताबिक, इस साल गुजरात में 1.10 करोड़ गांठों के उत्पादन का अनुमान है।
इनमें शंकर-6 किस्म का 1 करोड़ और वी-797 किस्म का 10 लाख गांठ पैदा होने का अनुमान है। पोपट के अनुसार, बांग्लादेश का निर्यात रफ्तार पकड़ रहा है, लेकिन कच्चे कपास की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हुई भारी गिरावट के चलते देश के ओटाई मिलों को चीन से कोई ताजा ऑर्डर नहीं मिला है।
कपास उद्योग ने पहले ही कहा है कि देश में कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी वृध्दि के कारण विदेशी खरीदार भारतीय कपास को खरीदने से कतरा सकते हैं क्योंकि वैश्विक बाजार में कपास की कीमतें घट रही हैं।