देसी कारोबारियों ने पहली बार शिपमेंट के 5 महीने पहले चीनी निर्यात के सौदे किए हैं। ब्राजील में चीनी के उत्पादन में गिरावट की संभावना से खरीदारों को दक्षिण एशिया के देश से अग्रिम में आपूर्ति सुनिश्चित करना पड़ा है। कारोबार से जुड़े 5 सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
विश्व के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और निर्यातक ब्राजील में सूखे की वजह से चीनी के उत्पादन में कमी आने की संभावना है क्योंकि वहां गन्ने की फसल खराब हो गई है। कारोबारियों ने कहा कि उत्पादन मेंं संभावित गिरावट की वजह से चीनी की कीमत पहले ही 3 साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गई है और इससे खरीदारों को पहले ही भारत से आपूर्ति सुनिश्चित करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।
उन्होंने कहा कि अब तक कारोबारियों ने दिसंबर और जनवरी में 5 लाख टन कच्ची चीनी के शिपमेंट के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसकी कीमत फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) आधार पर 435 से 440 डॉलर प्रति टन है।
एमईआईआर कमोडिटीज इंडिया के प्रबंध निदेशक राहिल शेख ने कहा, ‘मिलें 3-4 महीने बाद उत्पादन शुरू करेंगी, लेकिन ट्रेडर्स ने नए सीजन की कच्ची चीनी की बिक्री दिसंबर-जनवरी की शिपमेंट के लिए अग्रिम में की है।’
चार अन्य सूत्रों ने निर्यात समझौतों की पुष्टि की है, लेकिन कंपनी की नीति के कारण अपना नाम देने से मना कर दिया।
भारत के कारोबारी सामान्यतया एक या दो महीने पहले कॉन्टै्रक्ट करते हैं और यह समझौते तभी होते हैं, जब सरकार चीनी के विदेश में बिक्री पर निर्यात सब्सिडी की घोषणा कर देती है।
