इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (इंड-रा) ने वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही के लिए घरेलू इस्पात क्षेत्र पर अपना स्थिर नजरिया कायम रखा है।
ऊंची कोकिंग कोयला कीमतों से वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही के दौरान प्रति टन एबिटा मार्जिन में नरमी आने का अनुमान है, हालांकि लौह अयस्क कीमतों में गिरावट और कुछ हद तक इस्पात कीमतों के स्थिर रहने की वजह से यह वित्त वर्ष 2021 के स्तरों से ऊपर बना रह सकता है।
हालांकि एबिटा को मजबूत बिक्री और ऊंचे कीमत स्तरों से मदद मिलने की संभावना है।
सितंबर के मध्य में कोकिंग कोयला कीमतों में सालाना आधार पर 150 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ और इनमें उतार-चढ़ाव बने रहने का अनुमान है। एजेंसी का कहना है कि लौह अयस्क कीमतें गिर सकती हैं, क्योंकि आपूर्ति में अब धीरे धीरे सुधार आ रहा है, लेकिन ये कीमतें खदान नीलामियों के बाद आए ढांचागत बदलाव की वजह से ऊंचे स्तरों पर रह सकती हैं।
कुछ अस्थायी झटकों को छोड़कर, मांग और आपूर्ति दोनों मजबूत रहने की संभावना है। घरेलू इस्पात मांग काफी हद तक इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण क्षेत्रों पर ज्यादा निर्भर है, क्योंकि मांग में इन क्षेत्रों का करीब 60 प्रतिशत योगदान है। 111 लाख करोड़ रुपये की सरकार की इन्फ्रा निवेश योजना और बजट में पूंजीगत खर्च तथा बुनियादी ढांचा निवेश पर जोर दिए जाने से मजबूत घरेलू मांग सुनिश्चित होने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही के लिए इंड-रा ने घरेलू इस्पात कंपनियों के लिए अपना रेटिंग नजरिया स्थिर से सकारात्मक करदिया, क्योंकि रेटिंग की रफ्तार वित्त वर्ष 2021-वित्त वर्ष 2022 के दौरान कर्ज घटने की वजह से मजबूत बैलेंस शीट की वजह से सकारात्मक बदलावों पर आधारित है।
वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही-वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही के दौरान मजबूत नकदी प्रवाह सृजन ने इस्पात कंपनियों को बड़ी तादाद में कर्ज घटाने और अगले पूंजीगत खर्च चक्र की तैयारी करने में सक्षम बनाया है।
