सरकार ने आज दावा किया कि हाल ही में दिसंबर से नवंबर तक पूरे हुए वर्ष 2020-21 में भारत ने पेट्रोल में 8.1 फीसदी एथनॉल मिश्रण के साथ अब तक का उच्च स्तर हासिल किया।
हालांकि, चीनी कंपनियों ने आरोप लगाया कि आगे चलकर एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम में प्रस्तावित निवेश प्रभावित हो सकता है क्योंकि तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) एथनॉल के लिए कच्चे माल के तौर पर गन्ने और चावल के ऊपर मक्का को प्रमुखता देकर उनकी राह में बनावटी रुकावटें पैदा कर रही हैं और स्थापित हो चुकी एथनॉल विनिर्माताओं के ऊपर नए उत्पादकों को तवज्जो दे रही हैं।
खाद्य मंत्रालय ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘2020-21 (दिसंबर से जनवरी) के एथनॉल आपूर्ति वर्ष में डिस्टलरियों ने तेल विपणन कंपनियों को 3.03 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति की है जो ऐतिहासिक तौर पर सर्वाधिक है। 2013-14 में जहां एथनॉल की आपूर्ति महज 0.38 अरब लीटर थी जिसमें मिश्रण का स्तर केवल 1.53 फीसदी था वह पिछले सात वर्षों में आठ गुना बढ़ गया है।’
सरकार चालू एथनॉल आपूर्ति वर्ष में 10 फीसदी मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्घ है।
इस बीच, कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में चीनी कंपनियों ने जहां 2025 तक 20 फीसदी मिश्रण के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए किए जा रहे उपायों का स्वागत किया वहीं कहा कि एथनॉल की आपूर्ति के लिए तेल विपणन कंपनियों द्वारा हाल में लगाई गई शर्तें सीधे तौर पर खाद्य, वित्त और पेट्रोलियम विभाग द्वारा निर्धारित नीतियों का उल्लंघन करती हैं और इस क्षेत्र में उनके द्वारा प्रस्तावित निवेशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
चीनी कंपनियों ने अपने पत्र में आरोप लगाए कि हाल के समय में देखा गया है कि तेल विपणन कंपनियों ने डिस्टलरियों को प्राथमिकता दी जिन्होंने मक्के से एथनॉल तैयार किया और गन्ने तथा चावल से एथनॉल तैयार करने वाली डिस्टलरियों को कम तवज्जो दी गई जो कि एथनॉल तैयार करने के लिए सभी प्रकार के कच्चे माल को प्रोत्साहन देने और किसी खास तरह के कच्चे माल को प्रमुखता नहीं देने की सरकार द्वारा तैयार की गई नीति के उलट है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियां मौजूदा एथनॉल विनिर्माताओं पर ऐसी शर्तें लाद रही हैं जिनसे मौजूदा एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं पर नए एथनॉल विनिर्माताओं को प्राथमिकता मिलेगी। उनकी शर्तों की जद में ऐसी कंपनियां भी हैं जो पहले ही तेल विपणन कंपनियों के साथ एथनॉल की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर चुकी हैं।
