इस महीने देश के वनस्पति तेल का आयात 6 लाख टन से भी ज्यादा हो सकता है। ऐसा कहना है इस उद्योग से जुड़े एक विशेषज्ञ का।
अदानी विल्मर के सीईओ अतुल चतुर्वेदी ने संवाददाताओं को एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि मार्च में 6 लाख टन से ज्यादा आयात की उन्हें उम्मीद है।
चीन के बाद भारत ही सबसे ज्यादा वनस्पति तेलों का आयात करता है। फरवरी महीने में मुल्क में 7.62 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया गया। मुंबई के सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन का कहना है कि तेल की कीमत में कमी आने से इसकी वैश्विक मांग में भी तेजी आ गई।
देश में एक साल पहले ही 5.15 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया गया था। कच्चे सोया तेल में आयात में कोई शुल्क न लगने की अटकलों के बाबत चतुर्वेदी का कहना है, ‘हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि सोया तेल पर शुल्क शून्य किया जाए।
मौजूदा नीति कच्चे पाम तेल के पक्ष में है क्योंकि इस पर सीमा शुल्क बिल्कुल नहीं लगता है। जबकि कच्चे सोयातेल और सूरजमुखी के तेल पर आयात शुल्क 20 फीसदी लगता है।’
चतुर्वेदी का कहना है अगर कच्चे सोया तेल पर शुल्क शून्य स्तर पर पहुंच सकता है तो तेल की खुदरा कीमतें 10-15 फीसदी कम हो सकती हैं। वर्तमान में देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड अदानी समूह का फॉरच्यून सोया तेल देश की राजधानी के खुदरा बाजार में 53-54 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है।
