कपास के अंतरराष्ट्रीय भाव नरम होते ही विदेशों से इसके आयात में तेजी आ गई है। कपड़ा तैयार करने वाली कंपनियों ने विदेशी बाजार विशेषकर पाकिस्तान से भारी मात्रा में कपास का आयात करना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा अर्जेंटीना, ब्राजील और अमेरिका से भी सस्ते होने के चलते कपास का आयात हो रहा है। इस समय, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास का एक गांठ (एक गांठ=170 किलोग्राम) घरेलू बाजार की तुलना में 2,000 रुपये कम में मिल रहा है।
सरकार द्वारा कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई 40 फीसदी बढ़ोतरी का ही परिणाम है कि इसका घरेलू भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में ज्यादा है। ऐसे में देश के कपड़ा मिलों के लिए घरेलू बाजार से कपास खरीदने की बजाय बाहर से मंगाना फायदे का सौदा बन गया है।
उदाहरण के लिए अहमदाबाद स्थित आर्वी डेनिम एंड एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने हाल में दक्षिणी अमेरिकी देशों से कपास के 15 से 20 हजार गांठ मंगाए हैं। इस कंपनी के प्रबंध निदेशक आशीष शाह ने बताया कि इस सौदे में कंपनी को प्रति गांठ 2,000 रुपये की बचत हुई है।
उनके मुताबिक, एमएसपी की ऊंची दर के अलावा हाल ही में आयात शुल्क में की गई कटौती भी कपड़ा कंपनियों के पक्ष में गई है। शाह के अनुसार, पाकिस्तान, अर्जेंटीना और ब्राजील के कपास निर्यातक आकर्षक कीमतों पर कपास की पेशकश कर रहे हैं। इससे आयातक इन देशों का रुख कर रहे हैं।
अहमदाबाद टेक्सटाइल मिल्स एसोसियशन के महासचिव अभिनव शुक्ला के मुताबिक, हाल ही में कपड़ा मंत्रालय द्वारा किसानों को कपास जमा करने और बाजार में इसकी अचानक बिक्री न बढ़ाने का सुझाव देने के चलते कपास की किल्लत हो गई है।
शुक्ला ने बताया कि अच्छी कीमत की उम्मीद में किसान कपास बेचने की बजाय इसकी जमाखोरी कर रहे हैं। किसानों को उम्मीद है कि उन्हें अपनी उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। ऐसे में कपड़ा कंपनियों के समक्ष आयात करने के सिवा कोई और विकल्प नहीं बचता। इसके आयात से फिलहाल उन्हें खासा मुनाफा भी हो रहा है।
हालांकि उन्हें उम्मीद है कि देश में इसकी कीमत बहुत जल्द कम होगी। अभी उत्तरी भारत के कई मिलों ने कम कीमत के चलते पाकिस्तान से कपास मंगाना शुरू कर दिया है। फिलहाल पाकिस्तान का कपास यहां के शंकर-6 किस्म की तुलना में तकरीबन 4,200 रुपये प्रति गांठ सस्ता पड़ रहा है।
एक महत्वपूर्ण बात यह भी कि कपास के आयात पर अभी कोई आयात शुल्क अदा नहीं करना पड़ता। अरुण दलाल एंड कंपनी के अरुण दलाल का कहना है कि ऐसे में भारतीय कंपनियों को कपास का आयात लुभा रहा है। मौजूदा सीजन की शुरुआत से ही कपास की कीमतें ऊंची थी।
हालांकि गुजरात में कपास की कीमतें 21,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी=356 किलोग्राम) के निम्न स्तर तक चली गई थी। भारतीय कपास निगम की ओर से एमएसपी पर कपास की खरीदारी शुरू करने से इसकी कीमतें बढ़नी शुरू हो गई। मंगलवार को तो गुजरात की विभिन्न मंडियों में एक कैंडी कपास का भाव 22,200 रुपये से 22,400 रुपये प्रति के आसपास चल रहा था।