मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) मंगलवार को हीटिंग ऑयल का वायदा अनुबंध लॉन्च करेगा। इस बाबत एक्सचेंज को एफएमसी की अनुमति मिल गई है।
हीटिंग ऑयल दरअसल कच्चा तेल के उप-उत्पाद (बायप्रॉडक्ट) है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोपीय देश, कनाडा और उन देशों में होता है, जहां ठंड ज्यादा पड़ती है। इस ऑयल के इस्तेमाल से वहां पानी गर्म किया जाता है। एमसीएक्स के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जल्दी ही गैसोलीन का वायदा अनुबंध भी शुरू होगा और इसके लिए एफएमसी की अनुमति की प्रतीक्षा की जा रही है। कच्चे तेल के शोधन से जुड़ी कंपनियां और तेल मार्केटिंग कंपनियां एमसीएक्स के प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल कच्चे तेल में हेजिंग के लिए करती हैं।
अब उन्हें दूसरा विकल्प भी मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2007 में घरेलू तेल रिफाइनिंग कंपनियों और तेल मार्केटिंग कंपनियों को अपने कुल स्टॉक के 50 फीसदी के बराबर विदेशी वायदा बाजार में हेजिंग की अनुमति दी थी।
मंगलवार से एमसीएक्स के प्लैटफॉर्म पर फरवरी, मार्च और अप्रैल के अनुबंध उपलब्ध होंगे। एमसीएक्स इस तरह का अनुबंध पेश करने वाला देश का पहला एक्सचेंज होगा। दुनिया भर में सिर्फ अमेरिका के नाइमैक्स और इंटर-कॉन्टिनेंटल एक्सचेंज में इसका वायदा कारोबार होता है।
यहां यानी एमसीएक्स के प्लैटफॉर्म पर इसकी कीमत रुपये प्रति अमेरिकी गैलन में होगी। लॉट साइज होगा 4200 अमेरिकी गैलन और टिक साइज 5 पैसे प्रति अमेरिकी गैलन। (टिक साइज का मतलब है इसकी कीमत 5 पैसे या फिर इसके गुणक में बढ़ेगी)।
एक समय में अधिकतम 4.2 लाख अमेरिकी गैलन का सौदा हो सकेगा। इसके लिए 5 फीसदी की मार्जिन रखी गई है जबकि डिलिवरी सेंटर मुंबई को बनाया गया है।
कीमत में अगर 4 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी हो तो कारोबार रोका नहीं जाएगा बल्कि यह अपने आप छह फीसदी के सर्किट पर चला जाएगा।
इसके बाद भी अगर कीमतों का बढ़ना जारी रहा तो फिर 5 मिनट के लिए कारोबार रोक दिया जाएगा। अगर इसके बाद भी कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहा तो फिर 9 फीसदी के बढ़ोतरी स्तर पर पहुंचने के बाद कारोबार 15 मिनट के लिए रोक दिया जाएगा।