जूट बोरियों की अपर्याप्त उपलब्धता की चिंताओं को लेकर खाद्य मंत्रालय ने कपड़ा मंत्रालय से पैकेजिंग प्रावधानों में ढील देने की मांग की है।
खाद्य मंत्रालय का मानना है कि पैकेजिंग प्रावधानों में ढील दी जाए ताकि सरकारी खाद्यान्न आपूर्ति कार्यक्रम प्रभावित ना हो सके। गौरतलब है कि जूट पैकेजिंग मेटीरियल (जेपीएम)एक्ट के अनुसार खाद्यान्न एवं चीनी में केवल जूट के बोरों का इस्ताल किया जाना चाहिए।
इसमें निर्यात की खेप एवं 100 किलोग्राम से अधिक मात्रा में उत्पाद के वजन में जूट के बोरों का इस्तेमाल किए जाने का प्रावधान नहीं है।
खाद्यान्न मंत्रालय ने रेखांकित किया है कि न्यूनतम 3.5 लाख जूट की गांठों की जरुरत है जौ मौजूदा समय में अनुपलब्ध है जबकि सूत्रों का कहना है कि मानदण्डों में ढील भी दे दी जाए तो जूट किसान को नुकसान देकर नहीं।