घरेलू बुनकरों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है ताकि उनके लिए पर्याप्त मात्रा में माल उपलब्ध रहे।
साथ ही, सरकार ने वैल्यू ऐडेड कपास उत्पाद का निर्यात बढ़ाने का फैसला किया है। कपड़ा राज्यमंत्री ई. वी. के. एस. इलांगोवन ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और इससे बुनकर प्रभावित हुए हैं। साथ ही, निर्यात पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं रहने से उन्हें पर्याप्त मात्रा में कपास नहीं मिल पा रहा है।
राज्यमंत्री ने कहा – हालांकि उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिल रही है, लेकिन वे बुरी तरह प्रभावित भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुनकरों को उचित कीमत पर यार्न उपलब्ध कराने की योजना सरकार ने बनाई है। इलांगोवन ने कहा कि कपास के उत्पादन और निर्यात में इजाफे के बावजूद कपड़ा उद्योग पर बुरा असर पड़ा है और सरकार इससे चिंतित है। कपड़ा उद्योग डॉलर के कमजोर होने और रुपये की मजबूती से भी परेशान है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह एकमात्र समस्या नहीं है। राज्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में कपड़ा उद्योग बिजली की किल्लत से परेशान है। उन्होंने कहा कि करूर और तिरुपुर के कपड़ा मिल मालिकों ने उनकेसामने यह समस्या उठाई है। उन्होंने कहा कि तीन लाख बुनकरों के लिए सरकार ने बीमा पॉलिसी का ऐलान किया है।