उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने आज कहा कि भारत ने अमोनियम नाइट्रेट और कैल्शियम कार्बाइड के नियम आसान कर दिए हैं, जिससे इनके भंडारण व ढुलाई में सुरक्षा संबंधी सुधार किए जा सकें।
अगस्त, 2020 में बेरुत में हुए विस्फोट में 140 लोग मारे गए थे, जिससे सीख लेते हुए यह बदलाव किए गए हैं। बेरुत बंदरगाह पर पिछले 6 साल से 3,000 टन अमोनियम नाइट्रेट का भंडारण किया हुआ था, जिसमें पिछले साल विस्फोट हो गया था।
डीपीआईआईटी में अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए नियमों पर विचार करने की जरूरत थी, जिससे कि भारत में इस तरह की घटना न होने पाए।
इस समय सरकार 5 प्रमुख क्षेत्रों जैसे स्थिर और सचल प्रेशर वाहनों, कैल्शियम कार्बाइड, अमोनियम नाइट्रेट, गैस सिलिंडर और पेट्रोलियम व विस्फोटकों संबंधी नियमों की जांच कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में बेरूत जैसी घटना न हो।
अहम परिसरों जैसे पेट्रोलियम संयंत्र, विस्फोटक विनिर्माण केंद्रों, सिलिंडर भरने और भंडारण परिसरों जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक सुरक्षा को लेकर उद्योगों पर अनुपालन बोझ कम करने के कदम उठाए जा रहे हैं। डावरा ने कहा कि इस दिशा में डीपीआईआईटी ने सरकारी संगठन पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के साथ मिलकर काम किया है, जिससे नीतियां लागू की जा सकें और विनिर्माण, भंडारण, ढुलाई और विस्फोटकों के इस्तेमाल, पेट्रोलियम के साथ खतरनाक रसायनों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया बनाई जा सके।
