भारत का नेट जीरो का लक्ष्य अभी भी 50 वर्ष दूर होने से वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक की नीलामी के ताजा दौर को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
बंगाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित ‘मिनरल्स, माइनिंग ऐंड मेटल्स ई-कॉनक्लेव’ को संबोधित करते हुए कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि सीओपी26 से विशेष तौर पर विकासशील देशों के लिए कुछ अनिश्चितता की स्थिति बनी है क्योंकि परिणाम सामने आ चुका है।
जैन ने कहा कि लेकिन इसमें राहत की बात यह है कि भारत ने नेट जीरो का लक्ष्य वर्ष 2070 निर्धारित किया है जो कि 50 वर्ष दूर है। जैन ने वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों की नीलामी के मौजूदा दौर की ओर इंगित करते हुए कहा, ’50 वर्ष की अवधि से काफी राहत मिली है जो मुझे नजर भी आ रहा है।’ उन्होंने कहा कहा, ‘वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक की नीलामी के पिछले दौर ने पहले दौर जितनी अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। मैं इसे इस रूप में देखता हूं कि रुचि अब कम हो रही है। लेकिन मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मौजूदा दौर के लिए हमें 18 खदानों के लिए पहले दो या उससे अधिक बोलियां प्राप्त हो चुकी हैं। इनके लिए बिक्री आवेदन आज बंद हो गया।’ अक्टूबर में कोयला मंत्रालय ने 40 नए कोयला खदानों के लिए नीलामी प्रक्रिया आरंभ की थी। पिछले दौर में बची हुई खदानों को जोड़कर कुल 88 कोयला खदानों की पेशकश की गई थी। इन 88 खदानों से करीब 55 अरब टन कोयले के भूगर्भीय संसाधनों की पेशकश की गई है। इनमें 57 खदान पूरी तरह से खोजी जा चुकी खदानें और 31 आंशिक रूप से खोजी गई खदानें हैं। चार कोकिंग कोल खदानों की भी पेशकश की गई है।
