एक तरफ तो दुनियाभर के शेयर बाजारों की चमक फीकी पड़ रही है वहीं सोने और चांदी की चमक बढ़ती ही जा रही है।
विदेशी बाजारों में सोने की चमक बढ़ने की खबर ने बुधवार को घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। बुधवार को सोना 420 रुपये की उछाल के साथ 13,820 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ जबकि चांदी 500 रुपये मजबूत होकर 19,600 रुपये तक पहुंच गयी।
जानकारों के मुताबिक, पिछले छह महीनों में निवेश करने के लिए सोना सबसे बेहतर विकल्प नजर आ रहा है। सोने की आपूर्ति में कमी, महंगा कच्चा तेल, शेयर बाजार का धराशायी होना, रुपये में गिरावट और निवेशकों का सोने से लगाव इसकी कीमतों को तेज बनाए हुए है।
अमेरिकी मंदी की लहर से पैदा हुए वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद पिछले छह महीनों के दौरान घरेलू बाजार में सोना लगभग 11 फीसदी बढ़ा है जबकि चांदी 10 फीसदी घटा है। कारोबारियों की धारणा है कि तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद अगले छह महीनों में सोने और चांदी की चमक में और इजाफा ही होगा।
शाह उमेदमल तिलोकचंद्र ज्वेलरी के एम डी कुमार जैन का कहना है कि त्योहारी मौसम और शादी विवाह का मौसम नजदीक होने से घरेलू बाजार में अगले छह महीनों तक सोने-चांदी की मांग में तेजी बनी रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अप्रैल से अब तक सोने की कीमत में 18 फीसदी की कमी हो चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में सोने का भाव 910.47 डॉलर प्रति औंस था लेकिन अब इसकी कीमत 828.72 डॉलर रह गई है। सोने का घरेलू भाव इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी आने के बावजूद चढ़ी है जिसकी वजह डॉलर की तुलना में रुपये का कमजोर होना है।
वैश्विक मंदी के बावजूद कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग से सोना तपकर कुंदन बना है। अप्रैल में 10 ग्राम सोने की कीमत 12,000 रुपये थी जो इस वक्त 13,820 रुपये तक पहंच गयी है। पिछले छह महीनों में सोना का सबसे निचला स्तर 11 सितंबर को 11,190 रुपये प्रति 10 ग्राम था जबकि 15 जुलाई को यह 13680 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचा था।
पिछले छह महीनों में चांदी में निवेश करने वालों को थोड़ा नुकसान भी उठाना पडा है। समान अवधि में चांदी की कीमतों में 10 फीसदी की कमी आयी लेकिन सर्राफा में निवेश करने की सलाह देने सलाहकार कहते हैं कि अगर थोड़ा धैर्य रखा जाए तो चांदी में भी निवेश बुरा नहीं रहेगा।
गौरतलब है कि चांदी 17 सितंबर 2008 को सबसे निचले स्तर 18,865 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया था जबकि 15 जुलाई को यह 26,250 रुपये प्रति किलोग्राम तक चला गया था। इसकी मुख्य वजह शेयर बाजार से निवेशकों का कमोडिटी बाजार की ओर रुख करना था ।
राज कमोडिटी रिसर्च ग्रुप के सीईओ शैलेन्द्र कुमार के मुताबिक, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और ऊर्जा पर हो रहे अधिक खर्च केकारण उद्योगपतियों के मुनाफे में जबरदस्त कमी हुई है जिसके कारण शेयर बाजार के कारोबार पर असर पडा है।
शेयरों की कीमतें भी तेजी से गिरी है। इन सब कारणों से विभिन्न देशों के खजाने पर भारी दबाव पड़ा है। पिछले कुछ महीनों में जहां औद्योगिक रूप से संपन्न देशों के बाजारों में 20 प्रतिशत की गिरावट हुई है वहीं भारत और चीन के शेयर बाजार 40 से 50 प्रतिशत तक गिरे हैं।
पिछले छह महीने का भाव
महीना सोना चांदी
सितंबर 12221 20173
अगस्त 11866 22247
जुलाई 13028 25239
जून 12356 24203
मई 12151 23784
अप्रैल 11822 23496
(सोना के भाव रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के भाव रुपये प्रति किलोग्राम)