होली के मौके पर सोने व चांदी की कीमत गिरने से भारतीय सर्राफा बाजार की रौनक लौट सकती है। लगातार अपने भाव को बढ़ाने वाला सोना मंगलवार को गिर गया। एशिया के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें
लिहाजा सोने का भाव सोमवार के मुकाबले 3.7 फीसदी कम हो गया। मंगलवार को सोने की खरीदारी 994.38 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर की गई। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के सूचकांक में लगातार दूसरे दिन की गिरावट और अमेरिकी बाजार संकट के चलते सोने की कीमतों में कमी पाई गई। सिंगापुर में सोने की बिकवाली 1000.20 डॉलर प्रति आउंस रही। कयास लगाया जा रहा है कि कच्चे तेल, तांबा, कॉफी जैसे उत्पादों में जारी उतार–चढ़ाव के कारण अमेरिकी में जारी मंदी इन कच्चे मालों की आपूर्ति पर रोक लगा देगी। सोमवार को यूबीएस जिंस सूचकांक में 4.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो अक्तूबर 1997 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
स्थानीय दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को स्टैंडर्ड सोने व आभूषण
270 रुपये टूटकर क्रमश : 13140 और 13290 रुपये प्रति दस ग्राम रहे। चांदी की कीमतों में भी मंगलवार को गिरावट का रुख देखा गया। फिलहाल चांदी के सौ सिक्कों के भाव 27100 रुपये रहे। इसमें सोमवार के मुकाबले 200 रुपये की कमी दर्ज की गई। कारोबारियों के मुताबिक स्टॉकिस्टों द्वारा सोने व चांदी पर होने वाले लाभ पर कब्जा करने से कीमतों में गिरावट आई है। दिल्ली के सर्राफा व्यापारियों का मानना है कि सोने व चांदी की कीमतों में कमी से होली के मौके पर इसकी मांग निकल सकती है। उनका कहना है कि आने वाले समय में अगर यह कीमत स्थिर रही तो फिर से सर्राफा बाजार की रौनक लौट सकती है।न्यू यॉर्क तेल बाजार में मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। कच्चे तेल की कीमतों में आयी रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद अचानक कीमतें गिरने से निवेशक भयभीत हैं। इस गिरावट को संभावित गंभीर आर्थिक संकट से भी जोड़ा जा रहा है। न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में मंगलवार को कच्चे तेल की कीमत
4.53 डॉलर से फिसलकर 105.68 डॉलर प्रति बैरल जा पहुंची। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद डीजल की कीमतों में 4 रुपये प्रति गैलन की बढाेतरी कर रुख रहा। साथ ही भोजन पकाने वाली गैस की बढ़ी कीमत भी स्थिर रही।न्यू यार्क के थोक कारोबारियों के मुताबिक मांग की चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट शुभ लक्षण नहीं है। इससे वित्तीय संकट का खतरा पैदा हो गया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका विश्व में कच्चे तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के कमोडिटी विशेषज्ञ डेविड मूर के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली पर जरूरत से ज्यादा दबाव और अमेरिकी मंदी की जोखिम से निवेशक आहत हैं। कारोबारियों के अनुसार बेयर स्टीयर्न्स फर्म के अचानक धराशायी होने से पूरे तेल बाजार में संकट पैदा हो गया है।
जे पी मॉर्गन चेज ने बीते रविवार को घोषणा की थी कि वह बेयर स्टीयर्न्स के प्रति शेयर की कीमत
2 डॉलर लगाएगी। रविवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने के फैसले से बाजार में जारी मंदी और उतार चढ़ाव पर काबू पाने में मदद मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।