लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते विश्व के अनेक देशों की मुद्राएं, बाँड और टॉक कमजोर पड़ती जा रही है। बढ़ रही मुद्रास्फीति के मद्देनजर सोना, चांदी औैर प्लेटिनम जैसी बेशकीमती धातुएं सबसे उम्दा वित्तीय संपदा हो सकती हैं। 2007-08 के वित्तीय वर्ष में इन मूल्यवान धातुओं की कीमत में यूरो और येन की तुलना में दोगुना वृद्धि दर्ज की गई। कमजोर पड़ते अमेरिकी डॉलर की तुलना में तो 6 से 20 गुना तक मूल्यवान धातुओं की कीमतों में उछाल आया। स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स की ओर किए गए सर्वे से पता चला है कि कमोबेश में सभी इक्विटी में गिरावट का रुख जारी है। पिछले सप्ताह सोना अब तक के रिकार्ड स्तर तक पहुंच 978.5 डॉलर प्रति औंस के भाव बिका, तो चांदी 1980 के बाद सबसे ज्यादा महंगी रही।
महंगाई में वृद्धि के साथ ही अमेरिकी डॉलर में लगातार गिरावट के चलते निवेशक अपनी क्रय क्षमता को बनाए रखने के लिए इन धातुओं को खरीद रहे हैं। फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन वेन एस बर्नानके ने उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए मिलने वाले लोन पर एक बार फिर ब्याज दर की कटौती के संकेत दिए हैं। इक्विडेक्स ब्रोकरेज ग्रुप इन कॉरपोरेशन, न्यू जर्सी के कारोबारी रॉन गुडिस ने कहा है कि बरनानके के संकेतों के मद्देनजर इस साल मूल्यवान धातुओं की कीमतें तीस फीसदी तक बढ सकती है। रॉन 1978 से सोना के खरीद-फरोख्त के कारोबार से जुड़े हैं।
डेल्टा ग्लोबल एडवाइइजर इन कॉरपोरेशन के प्रबंधक चीप हेनलोन ने बताया कि आने वाला मौद्रिक माहौल कैसा होगा, यह बताना किसी के लिए संभव नहीं है, लेकिन सोना और अन्य जिंसों की कीमतों में कभी भी उछाल संभव है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष अमेरिकी मंदी को कम करने के लिए जब बरनानके ने कटौती, तब सोने की कीमत 35 फीसदी तक बढ़ गई थी। रॉन गुडिस ने इस बात की संभावना जताई है कि इस साल के अंत तक सोने की कीमतें 33 फीसदी तक और बढ़ सकती है। 2008 के अंत तक सोने की कीमत बढ़कर 1300 डॉलर प्रति औंस हो सकती है। दूसरी तरफ, प्लेटिनम की कीमतें पिछले 24 फरवरी को 43 फीसदी बढ़कर 2214.5 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। रॉन के मुताबिक, साल के अंत तक प्लेटिनम की कीमत 3000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। साथ ही जोहान्सबर्ग के विशेषज्ञ डेविड डेविस ने अंदेशा जताया है कि चांदी की कीमतों में 26 फीसदी की उछाल संभव है। अगर ऐसा होता है, तो चांदी 25 डॉलर प्रति औंस के भाव मिलेंगे।
