महंगे पेट्रोल-डीजल से परेशान लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा कि सरकार शुक्रवार को होने वाली ओपेक की बैठक के प्रभावों का आकलन करने के बाद पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करेगी।
सरकार अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों पर नजर रखे हुए है और प्रस्तावित ओपेक की बैठक में निर्णय के बाद देखेंगे कि तेल की कीमतों में क्या रुख रहेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें जुलाई के 147 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से घटकर करीब आधे के स्तर पर आ गई हैं।
देवड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में कमी आने के बावजूद पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और एलपीजी के मामले में सरकार को घाटा हो रहा है, क्योंकि रुपये और डॉलर की कीमतों का संतुलन बिगड़ा है। इसके चलते कीमतें घटाने पर तेल कंपनियों का राजस्व घाटा बढ़ जाएगा।